बांग्लादेश में युद्ध अपराध के दोषी मुबारक को मिलेगा मृत्युदंड
बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान बेकसूरों पर जुल्म ढाने वाले एक अन्य इस्लामवादी नेता को मृत्यदंड सुनाया है। अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल-1 ने पूर्व राजाकार...
बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान बेकसूरों पर जुल्म ढाने वाले एक अन्य इस्लामवादी नेता को मृत्यदंड सुनाया है। अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल-1 ने पूर्व राजाकार (बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान सेना द्वारा पूर्वी पाकिस्तान में गठित अर्धसैनिक बल) कमांडर मोहम्मद मुबारक हुसैन को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है।
वेबसाइट 'बीडीन्यूज24 डॉट कॉम' के अनुसार, न्यायमूर्ति एम. इनायतुर रहीम की अध्यक्षता वाली ट्रिब्यूनल ने मुबारक को 22 अगस्त, 1971 में गंगा सागर दिघी के किनारे 33 नागरिकों की हत्या का दोषी पाया है। मुबारक का जन्म अखौरा में हुआ था। पाकिस्तान से युद्ध के दौरान वह जमात-ए-इस्लामी में शामिल हो गया था। यही युद्ध पूर्वी पाकिस्तान के बजाय एक स्वतंत्र बांग्लादेश बनने की वजह बना। मुबारक बाद में अवामी लीग में शामिल हो गया, लेकिन उसे 2011 में पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया।