अबकी द. कोरिया से पदक लेकर ही लौटेंगे बनारसी
चीन के ग्वांग्झू में 2010 एशियाई खेलों में बनारस के खिलाडिय़ों ने भले ही कोई पदक नहीं जीते, लेकिन वहां उनके प्रदर्शन ने यह तो दिखा ही दिया था कि आने वाले समय में ये खिलाड़ी कड़ी चुनौती देने में सक्षम...
चीन के ग्वांग्झू में 2010 एशियाई खेलों में बनारस के खिलाडिय़ों ने भले ही कोई पदक नहीं जीते, लेकिन वहां उनके प्रदर्शन ने यह तो दिखा ही दिया था कि आने वाले समय में ये खिलाड़ी कड़ी चुनौती देने में सक्षम हैं। हाल के समय में बास्केटबाल, कुश्ती और एथलेटिक्स में बनारसियों के प्रदर्शन को देखते हुए लगता है कि इसबार इंचियोन (दक्षिण कोरिया) एशियाई खेलों में भी अपनी झोली में अवश्य ही पदक आएंगे। इंचियोन के लिए चुनी गयी टीम में ग्वांग्झू एशियाई खेलों में प्रतिनिधित्व कर चुके बनारस के पांच खिलाड़ी भी शामिल हैं।
ग्वांग्झू में भारतीय बास्केटबाल टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। पुरुष टीम के कप्तान विशेष भृगुवंशी की अगुवाई वाली भारतीय टीम पूल में पांचवें स्थान पर रही। उसने अपने चारों मैच गंवाये। जबकि सिंह सिस्टर्स (प्रशांति, आकांक्षा और प्रतिमा) के प्रतिनिधित्व वाली महिला टीम भी पांचवें स्थान पर रही, लेकिन इस बार इंचियोन में ऐसा नहीं रहने वाला। एशियाई चैंपियनशिप में चीन जैसी शक्तिशाली टीम को हराकर भारतीय पुरुषों का मनोबल बढ़ा हुआ है। नोएडा स्थित जेपी ग्रीन्स के इनडोर हाल में विदेशी कोच और दिव्या सिंह की देखरेख में चार माह के कैंप से टीम में अभूतपूर्व बदलाव आया है। भरोसा है कि डिफेंस और अटैक के समन्वय का असर इंचियोन में जरूर रंग लाएगा।
लंबीदूरी के धावक सुरेश कुमार पिछली बार 10 किलोमीटर में आठवें स्थान पर थे, लेकिन इस बार दक्षिण कोरिया में परिस्थितियां बदली हुई रहेंगी। सुरेश पांच किमी. में 13.5 मिनट और 10 किमी. में 28.43 मिनट का समय ले रहे हैं। अर्जुन अवार्डी गुलाबचंद कहते हैं यदि सुरेश ने यही समय निकाला तो मैं कह सकता हूं कि पदक उससे दूर नहीं रहेगा।
नरसिंह यादव 74 किलो. फ्री स्टाइल कुश्ती में ग्वांग्झू में कुछ खास नहीं कर सके। हालांकि 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतकर उनका मनोबल बढ़ा हुआ था। इस बार उनकी तैयारी से देश को पदक की पूरी उम्मीद है। पिछली बार जिस खिलाड़ी को पदक का तगड़ा दावेदार माना जा रहा था, इस बार वह दल के साथ नहीं है। मुक्केबाज छोटेलाल यादव। 56 किलोग्राम वर्ग के क्वार्टरफाइनल में छोटेलाल मामूली अंतर से हार गये थे।
जो भी हो, इस बार खिलाडिय़ों की तैयारी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रदर्शन को देखते हुए यह लग रहा है कि काशी के ये लाल इंचियोन में कुछ नया अवश्य करके लौटेंगे।
इंचियोन में काशी के खिलाड़ी
आकांक्षा सिंह,
प्रशांति सिंह
दिव्या सिंह (परमहंसनगर, शिवपुर की तीनों बहनें बास्केटबाल खिलाड़ी हैं)
विशेष भृगुवंशी (टैगोरटाउन, अर्दलीबाजार-बास्केटबाल)
सुरेश कुमार (चिरईगांव ब्लाक के सीओ गांव-एथलीट)
नरसिंह यादव (चोलापुर ब्लाक के नीमा मुरेरी गांव- कुश्ती)
पूनम यादव (चांदमारी, दांदूपुर गांव- वेटलिफ्टर)
चंद्रोदयनारायण सिंह (चंदौली के हिंगुतर-एथलीट)
कृष्णकांत (चंदौली के छोटूसराय, कुश्ती)