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500 नगरों को कवर करेंगे नये चाइल्ड हेल्पलाइन सेंटर : मेनका

देशभर में परेशानी से घिरे बच्चों की सहायता करने के लिए सरकार ने तीन नये चाइल्ड हेल्पलाइन सेंटर शुरू करने का निर्णय किया है। कोलकाता, गुड़गांव और चेन्नई में खोले जाने वाले यह हेल्पलाइन केंद्र देश के...

500 नगरों को कवर करेंगे नये चाइल्ड हेल्पलाइन सेंटर : मेनका
एजेंसीSun, 23 Nov 2014 11:57 AM
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देशभर में परेशानी से घिरे बच्चों की सहायता करने के लिए सरकार ने तीन नये चाइल्ड हेल्पलाइन सेंटर शुरू करने का निर्णय किया है। कोलकाता, गुड़गांव और चेन्नई में खोले जाने वाले यह हेल्पलाइन केंद्र देश के 500 शहरों और नगरों को कवर करेंगे।
   
वर्ष 1996 में 24 घंटे चलने वाली एक हेल्पलाइन चाइल्डलाइन मुंबई में शुरू की गई थी। मौजूदा समय में यह देशभर में 543 सहयोगियों की सहायता से 282 स्थानों पर अपनी सेवा देती है। इसके सहयोगियों में टाटा इंस्टीटयूट ऑफ सोशल साइंसेज और टाटा कंसल्टेशन सर्विस शामिल हैं।
   
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया, हम कोलकाता, चेन्नई और गुड़गांव में तीन केंद्र खोल रहे हैं। अगले दो सालों में इस सेवा (तीनों केंद्रों) के दायरे में 500 शहर और नगर आएंगे। तीनों नए केंद्र नोडल एजेंसी के तौर पर अन्य केंद्रों को सेवाएं प्रदान करेंगे।
   
गांधी ने कहा, इसका लक्ष्य बच्चों को जरूरत के समय तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मुंबई केंद्र के लिए हेल्पलाइन पर की जाने वाली सारी कॉल्स पर प्रतिक्रिया देना मुश्किल होता जा रहा है।
   
अधिकारी ने कहा, वर्तमान में केंद्र भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र की कॉल्स पर प्रभावी रूप से सहायता उपलब्ध करा रहा है। इस विस्तार से दक्षिण और पूर्वी भारत के बच्चों को अपेक्षित सहायता मिल पाएगी।

चाइल्डलाइन का नंबर 1098 है। अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक 38,22,081 कॉल्स प्राप्त हुई हैं जिनमें से 4 प्रतिशत कॉल्स बच्चों के लापता होने से संबंधित हैं।
   
उन्होंने बताया, अभी यदि कोई बच्चा उत्तर प्रदेश के दूरस्थ स्थान से कॉल करता है तो वह कॉल मुंबई केंद्र में पहुंचती है। वहां के केंद्र का कर्मचारी बच्चे की सहायता के लिए सबसे नजदीक के सेवा स्थान से संपर्क करता है।
   
अधिकारी ने कहा, इस सेवा के क्षेत्रीय केंद्र स्थापित होने से सेवा को अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। इससे तुरंत किसी स्थानीय एनजीओ से संपर्क कर बच्चे के पास मदद पहुंचाई जा सकेगी।

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