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अफसरों की फौज नहीं जीत पाई व्यापारियों का भरोसा

दो दिन से घरों में कैद लोगों को दंगे के तीसरे दिन सोमवार को बाजार जाने की मोहलत तो मिली, लेकिन अफसरों की फौज व्यापारियों को सुरक्षा का भरोसा नहीं दिला पाई। कर्फ्यू खुलने के बावजूद नए शहर में 80 और...

अफसरों की फौज नहीं जीत पाई व्यापारियों का भरोसा
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 28 Jul 2014 10:06 PM
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दो दिन से घरों में कैद लोगों को दंगे के तीसरे दिन सोमवार को बाजार जाने की मोहलत तो मिली, लेकिन अफसरों की फौज व्यापारियों को सुरक्षा का भरोसा नहीं दिला पाई। कर्फ्यू खुलने के बावजूद नए शहर में 80 और पुराने शहर में 90 फीसदी दुकानें बंद रहीं। बाद में कक्कड़गंज, शहीद गंज और मोरगंज समेत अन्य बाजारों में पहुंचे आईजी ने व्यापारियों को भरोसा दिलाते हुए दुकानें खुलवाने का प्रयास किया।

रविवार शाम शहर के गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर प्रशासन ने देर शाम यह घोषणा कर दी कि सोमवार को कर्फ्यू में छूट दी जाएगी। शहर को दो टुकड़ों में बांट दिया गया। 10 से दो बजे तक नए और तीन से सात बजे तक पुराने शहर में कर्फ्यू खोला गया। इस दौरान शहर में मौजूद अफसरों की फौज ने व्यापारियों को सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाने की कोशिश की लेकिन दंगे की आग में अपनी जीवनभर की कमाई को खो चुके व्यापारियों का मन नहीं माना।

यही कारण रहा कि कर्फ्यू खुलने के बावजूद ईद से ठीक एक दिन पहले भी प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद प्रतिष्ठानों को देखकर लोगों में गुस्सा भी दिखा। परेशानी की बात यह रही कि बेहद कम दुकानें खुलने के कारण लोगों को लाइन में लगकर आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करनी पड़ी। कक्कड़गंज और मोरगंज में कर्फ्यू खुलते ही कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकानें तो खोलीं लेकिन वस्तुओं के भाव को लेकर कुछ ग्राहकों ने गरमा-गरमी की तो व्यापारियों ने शटर डाल लिए। इसके बाद यहां आईजी मेरठ आलोक शर्मा पहुंचे और दुकानदारों से बात करके उन्हें सुरक्षा देने का वायदा करते हुए दुकाने खोलने की बात कही। इसके बाद कुछ दुकानों के शटर खुले लेकिन आधे ही।

बाजार लाइव: नया शहर
कोर्ट रोड से लेकर दिल्ली रोड और हकीकतनगर से लेकर बाजोरिया रोड वाले बाजारों में 80 फीसद दुकानों के शटर उठे ही नहीं। लोगों को लग रहा था कि कर्फ्यू खुला है तो सभी चीजें आसानी से मिल जाएंगी। दस बजते ही लोग बाजार की ओर दौड़े लेकिन यहां उम्मीद के मुताबिक दुकानें खुली नहीं मिली। पेट्रोल पंपों, सब्जी और फल की दुकानों के अलावा दूध की डेयरियों पर काफी भीड़ रही। कोर्ट रोड पर ही लोगों ने लाइन में लगकर दूध और सब्जियां खरीदा। हकीकतनगर में दूध की गाड़ी को लोगों ने चारों ओर से घेर लिया और रास्ते सड़क पर ही दूध बिकने लगा। अंबाला रोड और कोर्ट रोड से घंटाघर तक वाले मार्केट में भी बेहद कम दुकाने खुली।

बाजार लाइव: पुराना शहर
शाम के तीन बजने का जैसे लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। तीन बजने से कुछ देर पहले ही बाजारों में रेहड़ी और फड़ियां आकर लग गई। तीन बजते ही बाजारों में पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। परेशानी का बात यह थी कि जितने लोग थे उनके सामने दुकानें इक्का-दुक्का ही खुली हुई थी। लोग जैसे स्थिति को भांपते हुए एक पल भी नहीं गंवाना चाह रहे थे। जिसे जो दुकान मिली और जो रेहड़ी मिली वहीं से खरीदारी शुरू कर दी। चार बजे तक यहां 90 फीसदी दुकानें बंद रही। लोग खरीददारी तो कर रहे थे लेकिन अधिकांश दुकानें बंद होने की टेंशन उनके चेहरों पर साफ दिख रही थी। उधर व्यापारियों के चेहरे पर भी बेबसी दिखी। कुछ व्यापारियों ने दुकानें खोली लेकिन फिर अचानक बंद कर ली। इसके बाद प्रशासन की अपील पर देाबारा दुकानें खोली लेकिन आधे शटर बंद ही रहे।

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