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बिना गॉडफादर कहां तक जा पाएंगी प्राची सिन्हा!

पटना में जन्मी प्राची सिन्हा दिल्ली को अपना दूसरा घर मानती हैं तो इसकी वजह भी है। पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ फिल्मों में काम आने वाले हुनर, जैसे- एक्टिंग, गाना, डांस आदि भी उन्होंने दिल्ली में ही...

बिना गॉडफादर कहां तक जा पाएंगी प्राची सिन्हा!
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 22 Mar 2014 10:54 AM
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पटना में जन्मी प्राची सिन्हा दिल्ली को अपना दूसरा घर मानती हैं तो इसकी वजह भी है। पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ फिल्मों में काम आने वाले हुनर, जैसे- एक्टिंग, गाना, डांस आदि भी उन्होंने दिल्ली में ही सीखे।  प्राची अगले महीने रिलीज होने वाली अपनी हिंदी फिल्म ‘एंग्री यंग मैन’ को लेकर खासी उत्साहित हैं। ताजा मुलाकात में उन्होंने अपनी जिंदगी और करियर से जुड़े कई सवालों के जवाब साफगोई से दिए।

‘एंग्री यंग मैन’ में अपने रोल के बारे में कुछ बताइए?
मैं इस फिल्म में सारा का किरदार कर रही हूं, जो बहुत मासूम, चुलबुली और गुस्सा नाक पर रख कर चलने वाली लड़की है। वह अर्जुन (अजय सिंह राठौर) की पड़ोसी है। अर्जुन मुंबई अंडरवर्ल्ड का बेताज बादशाह है, लेकिन अर्जुन की मासूमियत और उसकी लड़ने की ताकत सारा को उसकी तरफ आकर्षित करती है और फिल्म में घटनाक्रम कुछ इस तरह से बनता है कि ये दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं। यहीं से ‘एंग्री यंग मैन’ फिल्म में नया मोड़ आता है।

पटना से दिल्ली और दिल्ली से मुंबई का सफर कैसा रहा?
मेरा जन्म पटना में जरूर हुआ, लेकिन दिल्ली मेरा दूसरा घर है। दिल्ली में रह कर ही मैंने गंधर्व महाविद्यालय से गायन सीखा है। इसके अलावा कथक, डांसिंग जैसी फिल्मों में काम आने वाली बेसिक स्किल्स भी सीखी हैं। साथ ही थियेटर करके एक्टिंग की बारीकियां यहीं से सीखी हैं। दिल्ली में मैंने अपने अंदर छुपे हुए कलाकार को ढूंढ़ा और आज मैं जो भी हूं, दिल्ली की बदौलत हूं।

एक्टिंग करने के बारे में ही क्यों सोचा? फिल्म इंडस्ट्री में आपका गॉडफादर कौन है?
देखिए बचपन से ही मुझे एक्टिंग करने का शौक था। मैं स्कूल, थियेटर फेस्टिवल में हमेशा हिस्सा लेती थी, लेकिन मां और पिताजी ने कहा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद ही अपने शौक पूरे करो। फिर मैं दिल्ली आ गई। पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने मुंबई की तरफ रुख किया और प्रोडक्शन असिस्टेंट के रूप में काम शुरू किया। हां, यहां पर भाग्य ने मेरा साथ दिया और ऑडिशन देने वाली तकरीबन 150 लड़कियों में से मैं ‘एंग्री यंग मैन’ में बतौर नायिका चुन ली गई। जहां तक गॉडफादर की बात है तो अभी इंडस्ट्री में मेरा कोई गॉडफादर नहीं है।

पसंदीदा मूवी?
किसी एक का नाम लेना ठीक नहीं होगा। हॉलीवुड की फिल्मों की बात की जाए तो ‘टाइटेनिक’ देखने के लिए हमेशा क्रेजी रहती हूं। हिंदी फिल्मों में ‘मुगल-ए-आजम’, ‘जंजीर’, ‘शोले’ और आमिर-सलमान की ‘अंदाज अपना अपना’ मेरी ऑलटाइम पसंदीदा फिल्में हैं।

आप किस डायरेक्टर के साथ फिल्म करने को बेताब हैं?
जब वी मेट’ मेरी फेवरिट फिल्मों में से एक है और इस फिल्म के डायरेक्टर इम्तियाज अली मेरे पसंदीदा डायरेक्टर हैं।

अंत में एक और सवाल प्राची, अगर आप एक्ट्रेस ना बनतीं तो..
बचपन से ही मैं एक्ट्रेस बनना चाहती थी और मेरे लिए इसका जवाब दे पाना बहुत मुश्किल होगा कि मैं एक्ट्रेस नहीं होती तो क्या होती।

‘एंग्री यंग मैन’ से आप क्या उम्मीद करती हैं?
देखिए, मैंने अपना काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से किया है और पूरी कोशिश की है कि मैं सारा के किरदार के साथ न्याय कर पाऊं। सारा का किरदार मेरे दिल के बहुत करीब है, क्योंकि मैं असल जिंदगी में भी सारा की तरह हंसमुख और चुलबुली हूं। उम्मीद है कि दर्शकों को मेरा काम और फिल्म दोनों पसंद आएंगे।

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