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पत्थरों से सजे भारी गहने

शादियों का मौसम शुरू हो चुका है। महिला हो या पुरुष शादी के आयोजनों में सब सुंदर दिखना चाहते...

पत्थरों से सजे भारी गहने
Sat, 01 Dec 2012 03:15 PM
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शादियों का मौसम शुरू हो चुका है। महिला हो या पुरुष शादी के आयोजनों में सब सुंदर दिखना चाहते हैं। सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए गहने पहने जाते हैं। लेकिन कतई जरूरी नहीं है कि आप सोने के गहने पहनें। बाजार में असली और नकली पत्थरों के गहनों की बड़ी रेंज मौजूद है। इनमें महंगे और सस्ते हर तरह के गहने हैं। सोनी तिवारी की रिपोर्ट।

शादी ब्याह में महिलाएं भारी भरकम गहने पहनना पसंद करती हैं। पिछले कुछ समय से सोने के खालिस गहनों का चलन थोड़ा कम हो गया है। इनकी जगह पत्थर के गहनों ने ले ली है। असली और नकली हर तरह के पत्थरों से सजे गहने लोकप्रिय हो रहे हैं।  रंगीन पत्थरों के प्रयोग के चलते ये काफी आकर्षक नजर आते हैं। साथ ही पत्थरों के इस्तेमाल से ज्वेलरी भी काफी भारी नजर आती है।

इन गहनों में महिलाओं के कान, अंगुलियों व गले में पहनने वाले आभूषण शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा रूबी का इस्तेमाल किया जाता है। ये देखने में  बेहद आकर्षक लगती है और शाही लुक देती है। अमूमन लोग सगाई की अंगूठी में रूबी लगवाना ही पसंद करते हैं।

महिलाएं ही नहीं, पुरुषों के ब्रेसलेट व अंगूठियों में भी बड़े पैमाने पर सेमी प्रेशियस स्टोन्स जैसे टोपाज, अम्बर, एक्वामरीन आदि पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है। अंगूठियों व गले के लिए बनने वाले आभूषणों में क्रिस्टल, अमेरिकन डायमंड व ऑस्ट्रेलियन डायमंड का प्रयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। ये देखने में असली हीरे की तरह लगते हैं पर इनकी कीमत बेहद कम होती है।

अमेरिकन डायमंड से बनी सोने की अंगूठी देखने में असली हीरे की अंगूठी की तरह लगती है। गले और कान के आभूषणों में भी अमेरिकन डायमंड का इस्तेमाल किया जाता है। प्राकृतिक मोती के आभूषण तो काफी महंगे हैं पर आपको अप्राकृतिक तौर पर तैयार किया गया मोती 100 से 1500 रुपये तक मिल जाता है। महिलाओं में जहां मोती की मालाओं का चलन तेजी से बढ़ा है वहीं पुरुष मोती की अंगूठी पहनना पसंद कर रहे हैं।

पीबी सोसाइटी ज्वेलर्स के चेयरमैन महेश चंद्र जैन बताते हैं कि आभूषण बाजार में देसी और विदेशी रत्नों का प्रयोग पिछले कुछ समय में काफी तेजी से बढ़ा है। देश में जयपुर कीमती रत्नों के बड़े बाजारों में से एक है। उत्तर भारत में ज्यादातर रत्न यहीं से आते हैं। चांदनी चौक में बुलियन के कारोबारी श्री किशन के अनुसार ज्वेलर्स पर डिजाइनिंग का दबाव काफी अधिक बढ़ गया है। पत्थर वाले गहने कम सोने में बेहतर और आकर्षक तरीके से तैयार हो जाते हैं। ये लंबे समय तक टिकते भी हैं और हर तरह के परिधानों के साथ फबते हैं। इसीलिए ग्राहक इन्हें खूब पसंद करते हैं।

अगर आप महंगे गहने नहीं खरीदना चाहते हैं तो आसानी से आपको लोकल बाजार में नकली पत्थरों से सजे गहने कम कीमत में मिल जाएंगे। आप अपनी पसंद के हिसाब से इन्हें चुन सकते हैं। ये देखने में बिलकुल असली गहनों जैसे चमकदार और आकर्षक लगते हैं।

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