फोटो गैलरी

Hindi Newsघर पर बनी मिठाई है बेहतर विकल्प

घर पर बनी मिठाई है बेहतर विकल्प

कल भाई-बहन का सबसे बड़ा त्योहार रक्षाबंधन है। इसमें राखी, रोली, कुमकुम और चावल का तो अत्यधिक महत्व है ही, मिठाई भी उतनी ही जरूरी है। बाजार की मिठाइयों में तरह-तरह की मिलावट आपके त्योहार के रंग में...

घर पर बनी मिठाई है बेहतर विकल्प
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 08 Aug 2014 09:23 AM
ऐप पर पढ़ें

कल भाई-बहन का सबसे बड़ा त्योहार रक्षाबंधन है। इसमें राखी, रोली, कुमकुम और चावल का तो अत्यधिक महत्व है ही, मिठाई भी उतनी ही जरूरी है। बाजार की मिठाइयों में तरह-तरह की मिलावट आपके त्योहार के रंग में भंग डाल सकती है। घर पर ही बनाएं मिठाई, बता रही हैं रजनी अरोड़ा

राखी का त्योहार मानसून के उमस भरे मौसम में आता है, जिसमें वैसे ही खाने-पीने की हर चीज खराब हो जाती है।  दुग्ध उत्पाद भी इससे अलग नहीं होते। वातावरण में नमी या मॉइस्चर की वजह से उनमें कीटाणु तक लग जाते हैं। उस पर त्योहार की तैयारी जब महीनों पहले शुरू हो जाती है तो कई दुकानदार मुनाफे की खातिर इनकी अनदेखी कर मिठाई बनाने में इस्तेमाल करते हैं। इस तरह हो सकता है कि राखी के मौके पर आप बाजार से जो मिठाई लाएं, वह गुणवत्ता के लिहाज से कमतर हो और उसमें मिलावट हो। यह भी हो सकता है कि उसमें सिंथेटिक दूध से बना खोया या पनीर का इस्तेमाल किया गया हो। ऐसी मिठाइयों के सेवन से पेट संबंधी विकार हो जाते हैं। दस्त, अपच, अम्लता, हैजा, डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह साबित किया है कि अधिक दिन तक मिठाई खराब न हो, इसके लिए कई मिठाई निर्माता इनमें ‘फॉर्मालिन’ नामक रसायन का प्रयोग करते हैं। इन मिठाइयों को खाने से गुर्दे और जिगर को नुकसान होता है। इससे अस्थमा का अटैक आ सकता है। गर्भवती महिलाओं को तो ऐसी मिठाइयां काफी प्रभावित करती हैं। उनका बच्चा विकलांग हो सकता है। ऐसी ही हालत चांदी वर्क वाली मिठाइयों की भी होती है और गलत तेल के इस्तेमाल वाली मिठाइयों की भी।

बेहतर विकल्प
अच्छा होगा कि आप घर पर ही मिठाई बनाएं। आपके बनाए बेसन के लड्डू, पिन्नियां, बालूशाही जैसी बिना चाशनी की मिठाइयां यकीनन सबको पसंद आएंगी। साथ ही इन्हें आप कई दिन तक पैक करके रख सकते हो।
खोये की जगह नारियल की मिठाई बनाएं। ये कम कैलोरी वाली और सुपाच्य होती हैं।
अगर आप दूध से बनी मिठाइयां बनाना चाहते हैं तो कोशिश करें कि खोया और पनीर घर पर ही बनाएं। इससे न तो आपको सिंथेटिक दूध का डर रहेगा और न किसी तरह की मिलावट का।
मिठाई बनाने के लिए चीनी की जगह सीमित मात्रा में सिंथेटिक स्वीटनर का प्रयोग कर सकती हैं या शूगर फ्री मिठाई बना सकती हैं।
चॉकलेट से सबका मुंह मीठा कराएं तो सवरेत्तम। डार्क चॉकलेट से आप घर पर चॉकलेट बनाकर सबको सरप्राइज दे सकते हैं।

मिठाई खरीदें तो बरतें सावधानियां
मिठाई प्रतिष्ठित बड़ी दुकान से ही खरीदें।
चांदी का वर्क लगी मिठाई न खरीदें।
चाश्नी या सिरप वाली मिठाइयों से बचें।
दूध से बनी मिठाइयां न ही खरीदें।
सूखी मिठाइयों को वरीयता दें।
नारियल की मिठाई ले सकते हैं।

तोहफे में मिठाई दे रहे हैं या मोटापा?
तोहफे देने की परम्परा छोटे-मोटे बदलाव के साथ चलती रहती है। भारत में और देशों की तरह तोहफों का लेन-देन सामाजिक तथा आर्थिक तबके पर निर्भर करता है। हालांकि तोहफे में मिठाई देना एक ऐसा विकल्प है, जो वर्ग और नागरिकता की सीमा को तोड़ता है। हालांकि इन पारम्परिक मिठाइयों की जगह आधुनिक मिठाई यानी चॉकलेट ने ले ली है, लेकिन इस बदलाव में जो एक चीज आम है वह है दांतों और स्वास्थ्य पर बुरा असर।

आमतौर पर तोहफे खरीदते समय हम ध्यान में रखते हैं कि जिनको हम तोहफे दे रहे हैं वे उनके इस्तेमाल में आएं। शुभकामनाओं से भरे तोहफे का वे आनन्द उठाएं। इस समय पूरी दुनिया मोटापे से लड़ रही है। मोटापे के शिकार लोगो में भारत का नंबर तीसरा है। ज्यादा वजन तथा मोटापे के शिकार लोगों की बढ़ती तादाद को देखते हुए तोहफे में मिठाइयां देने पर सवाल खड़े हो जाते हैं। हमें सोचने पर मजबूर करते हैं कि मिठास से भरे ये तोहफे हमारी सेहत को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम तोहफे के तौर पर मिठाइयों की जगह एक बेहतर और सेहतमंद विकल्प ढूंढें, जो वास्तव में हमारे अपनों के लिए एक सच्ची शुभकामना साबित हो सके।
डॉं. कमल के. महावर,
सीनियर कंसलटेंट (बेरिएट्रिक एंड मेटाबोलिक सर्जरी),
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें