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कोई नहीं फेडरर जैसा

ग्रैंड स्लैम टेनिस प्रतियोगिता अमेरिकी ओपन जारी है। सबकी नजरें रोजर फेडरर पर हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले विम्बलडन जीतकर साबित कर दिया कि वह टेनिस के महानतम खिलाड़ी...

कोई नहीं फेडरर जैसा
Tue, 04 Sep 2012 01:13 PM
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साल की आखिरी ग्रैंड स्लैम टेनिस प्रतियोगिता अमेरिकी ओपन जारी है। सबकी नजरें रोजर फेडरर पर हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले विम्बलडन जीतकर साबित कर दिया कि वह टेनिस के महानतम खिलाड़ी हैं..

सत्रह ग्रैंड स्लैम जीतकर वो उस शीर्ष पर हैं, जहां आज तक टेनिस का कोई दिग्गज नहीं पहुंचा है। विम्बलडन के फाइनल में जब उन्होंने ब्रिटेन के एंडी मरे को हराया तो वह उनके चाहने वालों के लिए एक यादगार लम्हा बन गया था।

मौजूदा दौर में उनकी सर्विस दुनिया में सबसे बेहतरीन मानी जाती है। आमतौर पर अगर वह सर्विस कर रहे हों तो गेम को ब्रेक करना विरोधियों के लिए बेहद मुश्किल होता है। बेशक उनकी सर्विस सबसे तेज तो नहीं है लेकिन पैनी तो है ही। गेंद को वह परफेक्ट ढंग से टॉस करते हैं। फिर अपने शरीर के वजन को बीचोंबीच संतुलित करते हुए गेंद पर रैकेट से सटीक प्रहार करते हैं। बेशक ये सब करते हुए वह बहुत ज्यादा मेहनत करते नहीं लगते, लेकिन उनकी सर्विस बहुत लयबद्ध होती है और जिस तरह से उनका रैकेट गेंद पर आता है उससे सर्विस को स्विंग में मदद भी मिलती है। कहना नहीं होगा कि टेनिस सर्किट में सबसे बेहतरीन फोरहैंड भी उन्हीं का है, साथ ही दर्शनीय भी। अगर हम फोरहैंड की बात कर रहे हैं तो ये भी देखना होगा कि वो बैकहैंड में कैसे हैं।

एक जमाना था जब उनके बैकहैंड को खासा कमजोर माना जाता था, लेकिन जिस तरह से विम्बलडन के फाइनल में उन्होंने मरे के खिलाफ बैकहैंड पर विनर्स और ढेर सारी रैलियां खेलीं, उसे देखकर लगता है कि हाल के दिनों में उन्होंने इस पर भी कड़ी मेहनत की है।

उनके कंधे चौड़े और मजबूत हैं, जिससे उनके ग्राउंड स्ट्रोक और रिटर्न्स में भरपूर ताकत रहती है। यही नहीं, इससे उन्हें अपने पावर गेम में भी जबरदस्त मदद मिलती है। ये उनकी शानदार सर्विस और बेहतरीन फोरहैंड में भी उनकी श्रेष्ठता में इजाफा करते हैं। वैसे सर्विस, फोरहैंड उनके सबसे ताकतवर हथियार हैं, जिससे कोर्ट में वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को निरुत्तर करते रहे हैं।

कोर्ट में जब वो होते हैं तो उनकी फुर्ती देखते बनती है। इसके लिए उनके मजबूत पैरों को भी दाद देनी चाहिए, जिसने उनके फुटवर्क को इतना बेहतरीन बनाया है कि खुद उनके आलोचक उनकी इन खासियतों को दूसरे खिलाड़ियों में देखना चाहते हैं।

कहा जा सकता है कि उनकी कद काठी टेनिस के लिए काफी आदर्श है। उनका कद लंबा है। ये बिल्कुल पीट सम्प्रास के बराबर यानी 6 फुट 1 इंच है। वजन करीब 85 किलो। शरीर के ऊपरी हिस्से में मांसपेशियां संतुलित तरीके से हैं। कहा जाता है टेनिस में दो ही खिलाड़ियों का शरीर आदर्श के बेहद करीब है। एक खुद फेडरर का और दूसरा पीट सम्प्रास का। उनका बिल्ट बैले डांसर की तरह है, जिससे उनका मूवमेंट कलात्मक महसूस होता है और इसमें भव्यता और स्टाइल भी झलकती है।

एक सीजन में वह अपने कंडीशनिंग कोच के साथ मिलकर कम से कम सौ घंटे की ट्रेनिंग करते हैं। बड़े टूर्नामेंट से पहले सप्ताह में दस घंटे का वर्कआउट जरूर करते हैं, जिसमें जिम, मसल ट्रेनिंग, दौड़, फुटवर्क ट्रेनिंग आदि शामिल रहता है। ऐसे में तो यही कहेंगे कि फेडरर सरीखा कोई नहीं। 16 ग्रैंड स्लैम जीतकर वो उस शीर्ष पर हैं, जहां आज तक टेनिस का कोई दिग्गज नहीं पहुंचा है।

फेडरर उस मुकाम पर हैं, जहां वो न आंकड़ों के मोहताज हैं और न उपलब्धियों के। एक खिलाड़ी के रूप में उनका कद खासा बड़ा हो चुका है। छह विम्बलडन खिताब, पांच बार अमेरिकी ओपन चैंपियन, तीन ऑस्ट्रेलियाई ओपन ताज और साथ में रौलां गैरों की बादशाहत भी।

फेडरर टेनिस के विनम्र और सुसंस्कृत शिखर पुरुष भी कहे जाते हैं। न तो कभी उनके बिगडै़ल रवैये की खबरें आईं और न कभी अनुशासन तोड़ने की। वे हमेशा शालीनता की सीमाओं में बंधे रहे हैं। इन्हीं सब कारणों से उन्हें खेल के सबसे आदर्श रोल मॉडल्स में से एक माना जाता रहा है। सभी उनकी तारीफ ही करते हैं।

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