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पहाड़ों ने मुझे रोमांटिक बना दिया है: मोहित चौहान

फिल्म रॉकस्टार ने गायक मोहित चौहान बिल्कुल लाइम लाइट में ला दिया है। इसका एक गीत सड्डा हक.. तो फिल्म की रिलीज से पहले ही श्रोताओं की जुबां पर चढ़ चुका...

पहाड़ों ने मुझे रोमांटिक बना दिया है: मोहित चौहान
Sat, 03 Dec 2011 11:48 AM
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फिल्म रॉकस्टार ने गायक मोहित चौहान बिल्कुल लाइम लाइट में ला दिया है। इसका एक गीत सड्डा हक.. तो फिल्म की रिलीज से पहले ही श्रोताओं की जुबां पर चढ़ चुका था। उनके गाये बाकी गीत भी खूब पसंद किये जा रहे हैं। दूसरी और फिल्म के टाइटल में जिस तरह से हीरो रणबीर कपूर की आवाज के तौर पर उनका नाम अलग से दिया गया है, वह भी उनके लिए एक अलग तरह के उत्साहवर्धन की वजह बनी है।

रॉकस्टार की सफलता और इसके हिट संगीत के बाद तो जाहिर है लगातार बधाई के फोन आ रहे होंगे?
अरे कुछ मत पूछिए। फिल्म के टाइटल्स में मुझे जिस तरह का क्रेडिट दिया गया है, उससे भी मैं अभिभूत हूं। वैसे सबसे पहले फिल्म दिल्ली 6 के गीत मसकली.. ने मेरी फैन फालोइंग को बहुत बढ़ाया था। सच कहूं, तो अब मैं बहुत भावुक हो गया हूं। रंग दे बसंती के खून चला़., दिल्ली 6 के मसकली़.  रॉकस्टार के सड्डा हक.. जैसे एक के बाद एक लोकप्रिय गानों ने मेरा उत्साह काफी बढ़ा दिया है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि सारे गाने पहले से ज्यादा हिट हो रहे हैं।

रहमान के साथ आपके सारे गाने जबरदस्त हिट रहे, लेकिन आपके बैंड सिल्क रूट के पहले एलबम बूंद के अलावा कोई भी हिट नहीं हुई?
हां, यह बात तो सच है। रहमान साहब तो जीनियस हैं। उनके साथ कुछ देर तक बात करने के बाद ही आपको इस बात का एहसास हो जायेगा कि म्यूजिक को लेकर उनकी समझ कितनी गहरी है। वैसे सिल्क रूट बैंड सिर्फ मेरा नहीं था। इसलिए उसकी सफलता या खारिज होने के लिए पूरी तरह से मुझे जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं होगा।

आपने गायन तो बहुत पहले शुरू कर दिया था?
मैंने मुक्त नाम की एक फिल्म में गाना गाया था। वैसे रामगोपाल की फिल्म रोड में पहली बार मैंने प्लेबैक गाया था। इसके बाद मैंने मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं, मैं मेरी पत्नी और वो जैसी फिल्मों में गाने गाये। असल में कई बार फिल्मों के गानों की रेकॉर्डिंग बहुत पहले हो जाती है, मगर फिल्म बहुत देर से रिलीज होती है। इसलिए कौन सा गाना पहले गाया और कौन सा बाद में यह बताना थोड़ा मुश्किल होता है।

हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर नाहन से आकर आप फिल्मी पार्श्व गायन में चमक उठे। कैसा रहा ये सफर?
मेरे पिता और दादा जी दोनों ही गायक थे। लेकिन गायकी को करियर बनाने का ख्याल कभी उनके जेहन में नहीं आया था। पढाई-लिखाई के बीच में घर पर गाने की भी चर्चा होती रहती थी। मैंने भी इसी के साथ ही नाहन से बीएससी की पढ़ाई पूरी कर डाली। इसके बाद धर्मशाला से जीव विज्ञान लेकर एमएससी किया। पिता खुद ब्यूरोक्रेट थे। इसलिए चाहते थे कि मैं नौकरी के आसपास गाने को रखूं। लेकिन तब तक मैंने तय कर लिया था कि गाने को ही अपना करियर बनाऊंगा।

क्या उसी सोच के चलते म्यूजिक बैंड सिल्क रूट का जन्म हुआ?
काफी हद तक आप यह कह सकते हैं। वैसे शुरू में यह मामला बहुत आफिशियली नहीं था। 1992-93 में मैं दिल्ली चला आया। हम कुछ दोस्तों ने मिलकर सोचा, एक अपना म्यूजिक बैंड बनाया जाये, तो कैसा रहेगा। जैसी सोच, वैसा काम। मैं गायन और गिटार, कैम त्रिवेदी ने की-बोर्ड और केनी पुरी ने ड्रम्स संभाला। बस, तैयार हो गया सिल्क रूट। 1996 में हमारा पहला एलबम बूंद रीलिज हुआ। इस एलबम का एक गीत डूबा़..डूबा खूब हिट हुआ। उस साल चैनल (वी) के इंडीपॅप कैटेगरी में हमें नॉमिनेशन मिला।

पर सिल्क रूट तो आज नहीं है?
हां, वक्त ने सब कुछ बदल दिया है। केम ने हमारा साथ छोड़ दिया। केनी पुरी हैं। हम और एक बैंड बनाना चाहते हैं, पर अभी तक नाम फाइनल नहीं किया है। नये एलबम के गानों की तैयारी चल रही है।

इंडीपॉप से लेकर प्लेबैक तक का सफर, दोनों के बीच क्या फर्क है?
बहुत ज्यादा फर्क नहीं है। असल में हर समय संगीत मेरे मन के बहुत करीब रहता है। वह किसी भी माध्यम से आये। इसलिए बैंड का एलबम और प्लेबैक सिंगिंग, मेरे लिए दोनों ही समान हैं। गाना गाने का मौका मिलने से ही मैं खुश हो जाता हूं।

आप तो मिशन उस्ताद नामक एक रियलिटी शो के प्रतियोगी थे?
हां, यह शो संगीत जगत के परिचित चेहरों को लेकर तैयार किया गया था। मेरे अलावा, वसुंधरा दास, महालक्ष्मी अय्यर, कैलाश खेर, सोनाली राठौड़, रूपकुमार राठौड़, श्वेता पंडित आदि इस शो के दूसरे प्रतियोगी हैं।

रॉकस्टार के बाद क्या?
मसकली.. के बाद से ही लगातार मुझे अच्छे मौके मिल रहे हैं। रॉकस्टार के बाद यह स्थिति और बदली है। बस, लगातार बेहतर गाने की इच्छा है।

आपके बारे में मशहूर है कि आप बहुत रोमांटिक हैं?
मैं हिमाचल प्रदेश का लड़का हूं। वहां के नेचर ने ही मुझे रोमांटिक बना दिया है। संगीत के प्रति मेरे लगाव की यह भी एक वजह है। वहां जाकर पहाड़ की गोद में बैठकर अपने गिटार से कुछ नयी धुन की रचना करता हूं। मेरे गानों में हिमाचल का परिवेश हमेशा मिलेगा। 

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