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जानवरों की दुनिया में भी हैं हीरो पापा

जैसे तुम्हारे पापा तुम्हारा ध्यान रखते हैं, जरूरतों को पूरा करते हैं और एक कामयाब इंसान बनने में मदद करते हैं, उसी तरह जीव-जंतुओं की दुनिया में भी अच्छे पापा होते हैं, जो बच्चों के सिर्फ रखवाले ही...

जानवरों की दुनिया में भी हैं हीरो पापा
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 11 Jun 2014 03:14 PM
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जैसे तुम्हारे पापा तुम्हारा ध्यान रखते हैं, जरूरतों को पूरा करते हैं और एक कामयाब इंसान बनने में मदद करते हैं, उसी तरह जीव-जंतुओं की दुनिया में भी अच्छे पापा होते हैं, जो बच्चों के सिर्फ रखवाले ही नहीं होते, बल्कि उन्हें जीने के गुर भी सिखाते हैं। ऐसे ही पापा से तुम्हें मिलवा रही हैं रजनी अरोडम

विशाल वॉटर बग-कैलिफोर्निया में पाए जाने वाले वॉटर बग भी एक आदर्श पिता हैं। मां वॉटर बग नर की पीठ पर करीब 150 अंडे देती है। इन अंडों को वह एक प्रकार की गोंद से चिपका देती है, जिससे वे पीठ पर सुरक्षित रहते हैं। पिता वॉटर बग तीन सप्ताह तक अंडों को सहेज कर रखते हैं। गोंद उतरने के डर से इस दौरान वह पानी में भी कम जाते हैं। पानी के बाहर सूरज की गर्मी में उन्हें सेंकते रहते हैं। अंडों का आकार बढ़ने पर भी वह अपनी पीठ से नहीं गिराते। अंडों में से बच्चे निकलने के बाद ही पिता वॉटर बग उन्हें लेकर पानी में जाते हैं। तब भी उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती। वह उन्हें फीड कराने के साथ जिंदा रहने के तरीके भी सिखाते हैं।

कैटफिश- ये मैक्सिको और दक्षिणी फ्लोरिडा की उत्तरी खाड़ी में शीतोष्ण तटों और समुद्री खारे पानी में रहते हैं। पिता कैटफिश तट के पास दरारों में घोंसला बनाते हैं। मां सिर्फ अंडे देती है, उसके बाद पिता अंडों को सेते हैं और पानी बहाव से बचाने के लिए वे उन्हें अपने मुंह में रख लेते हैं। अंडे पिता कैटफिश के मुंह में ही विकसित होते हैं। इन्हें वे कई हफ्तों तक मुंह में रखते हैं, जब तक उनमें से बच्चे न निकल जाएं। अंडों को कोई नुकसान न पहुंचे, इस डर से वे इस दौरान खाना भी नहीं खाते। इससे उनका वजन काफी कम हो जाता है।

एंपरर पेंगुइन- ये -40 डिग्री फारेनहाइट तापमान वाले अंटार्कटिक महासागर में रहते हैं। ये अकसर समूह में रहते हैं। मां एंपरर पेंगुइन सर्दियों में चार महीने की गर्भावस्था के दौरान समुद्र से करीब 74 मील का सफर तय कर बर्फीले तट पर आती है। सुरक्षित नेस्टिंग साइट ढूंढ़कर अंडा देती है, जिसे वह पिता की देखरेख में छोड़ कर वापस महासागर में भोजन की तलाश में चली जाती है। अंडे सेने की जिम्मेदारी पिता पेंगुइन की होती है। वह यह काम समूह में एक-दूसरे से सट कर करते हैं, जिससे एक तो बर्फीली हवाओं से उनका बचाव हो जाता है और दूसरे शिकारी से बचाव भी हो जाता है। वे खड़े-खड़े अंडे को अपने पैरों के बीच ऊपर रख कर पंख के फ्लैप से करीब 60 दिन तक सेते हैं। इस बीच वे न तो ठीक से सो पाते हैं और न ही कुछ खा पाते हैं। इससे उनका करीब 25 पौंड वजन कम हो जाता है। अंडे से बाहर आने के बाद भी पिता पेंगुइन अपने बच्चे को मां के आने तक फीड कराते हैं। वे उसे अपने गले की घेंघा ग्रंथियों से निकलने वाले प्रोटीनयुक्त दूधनुमा विशेष लिक्विड खिलाते हैं। बच्चा, मां को सौंपने के बाद ही वे भोजन के लिए जा पाते हैं।

नामाकुआ सैंड ग्रूस- दक्षिण अफ्रीका के कालाहारी रेगिस्तान में पाए जाते हैं ये, जहां बहुत गर्मी होती है और पानी मिलना कठिन होता है। अपने बच्चों को पानी पिलाने के लिए पिता नामाकुआ रोजाना 50 मील का सफर तय करता है। उसके पंख स्पोंज का काम करते हैं। वह अपने पंखों में अपने वजन से ज्यादा करीब 40 मिलीलीटर तक पानी सोख सकता है। सोचो, भारी हुए शरीर से ग्रूस का उड़ान भरना कितना मुश्किल होता होगा। वह तो मीलों दूर उड़ कर वापस लौटता है और अपने बच्चों को पानी पिलाता है। बच्चे उसके पंखों से सीधे पानी पी सकते हैं।

सी हॉर्स- सी हॉर्स एक प्रकार की मछली है। नर सी हॉर्स दुनिया भर में पाए जाने वाले जानवरों में एक ऐसा जीव है, जो एक गर्भवती महिला का रोल अदा करता है। अंडों से बच्चे करीब दो महीने बाद निकलते हैं। यही नहीं, बेबी सी-हॉर्स के वयस्क होने तक पिता ही उन्हें पालते हैं और जीवन जीने के लिए दांव-पेंच सिखाते हैं।

भेडिया- भेडिया इंसानों की तरह जीवन जीते हैं। मांद में मां वुल्फ जब बच्चे को जन्म देती है, तो वह अपने बच्चों के साथ मांद में ही रहती है। पिता वुल्फ, मां और अपने बच्चों के लिए गार्ड का काम करता है। वह मांद के बाहर खड़ा रहता है और मादा के लिए खाना लाता है। जब बच्चे थोड़ा बड़े हो जाते हैं तो पिता उनके साथ खेलते हैं और शिकार करना सिखाते हैं।

ग्रेटर हॉर्नबिल- इंडोनेशिया में पाए जाने वाले हॉर्नबिल खोखले पेडम् की कोटर में घोंसला बनाते हैं। इसमें मां हार्नबिल अंडे देती है। अंडे की रक्षा के लिए वह उसे कीचड़ और मल से घोंसले में बंद कर लेती है। खुद वहां रह कर अंडे सेती है। पिता हॉर्नबिल घोंसले के बाहर गार्ड की तरह तैनात रहता है और मादा के खाने का इंतजाम करता है। वह पेड़ की कोटर में बने घोंसले में छोटा-सा छेद कर चोंच से खाना खिलाता है। बच्चे निकलने पर पिता का काम और बढ़ जाता है। वह 4-5 महीने तक बच्चों और मादा के लिए लगातार खाना लाता है। कई बार तो उसे दिन में 6-7 बार खाना लाना पड़ता है। बच्चों के बड़े होने पर घोंसला तोड़ कर बच्चों को बाहर निकालते हैं।

रिया- शुतुरमुर्ग की तरह दिखने वाला पक्षी रिया दक्षिण अमेरिका में मिलता है। बच्चों के लालन-पालन में पिता रिया ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नर रिया ही घोंसला बनाते हैं। मां रिया इनमें अंडे देकर चली जाती है। पिता 6 सप्ताह तक अंडे को सेते हैं। पिता ही शिशु रिया को 6 महीने तक फीड कराते हैं, देखभाल करते हैं, उन्हें अपनी पीठ पर बिठा कर एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं और बड़े होने पर उन्हें अपने दम पर जीवन जीने के गुर सिखाते हैं।

विशाल डार्विन मेंढ़क- अफ्रीका में रहने वाले मेंढ़क के मुंह में एक बड़ा-सा पाउच होता है। पिता डार्विन मेंढ़क अपने अंडों को इस पाउच में रख लेते हैं, जहां ये अंडे टेडपोल बनने तक सुरक्षित रहते हैं। मुंह में होने पर भी इस पाउच से मेंढ़क को कैटफिश की तरह खाना खाने में कोई दिक्कत नहीं होती। उसका यह पाउच इतना बड़ा होता है कि अंडों से निकले टेडपोल को भी आराम से संभाल लेता है। जब इन टेडपोल की पूंछ खत्म हो जाती है और वे छोटे-से मेंढ़क का रूप ले लेते हैं, तब वे मुंह से कूद कर बाहर आ जाते हैं।

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