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बन जाइए बचत की उस्ताद

जरूरी नहीं है कि अपनी इच्छाओं का गला घोंटकर ही बचत की जाए। अपनी मर्जी की लाइफस्टाइल जीते हुए भी आप बचत कर सकती हैं। बचत के तरीकों के बारे में बता रही हैं पूनम महाजन आधुनिक महिला एक साथ कई अहम...

बन जाइए बचत की उस्ताद
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 02 Apr 2015 03:00 PM
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जरूरी नहीं है कि अपनी इच्छाओं का गला घोंटकर ही बचत की जाए। अपनी मर्जी की लाइफस्टाइल जीते हुए भी आप बचत कर सकती हैं। बचत के तरीकों के बारे में बता रही हैं पूनम महाजन

आधुनिक महिला एक साथ कई अहम भूमिकाएं निभाती हैं। अच्छे-बुरे वक्त में साथ देने वाली जीवनसाथी से लेकर, बच्चों की हर जरूरत का ख्याल रखने वाली मां और एक मेहनती कर्मचारी। वह न सिर्फ घर की जिम्मेदारियां उठाती हैं, घर से बाहर अपनी एक अलग पहचान बनाकर एक सफल प्रोफेशनल लाइफ भी जीती हैं। लेकिन इन सब के बावजूद जब बात आती है भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बचत की, तो अधिकांश महिलाएं बचत और निवेश की जिम्मेदारी अपने पिता, भाई या पति पर छोड़ देती हैं। करियर में अच्छी तरक्की करने के बावजूद वह आर्थिक मामलों में शामिल होना जटिल काम समझती हैं।

इंडियन डायरेक्ट सेलिंग असोसिएशन की सेक्रेटरी जनरल, छवि हेमंत कहती हैं कि सेविंग करना महिलाओं के लिए बहुत जरूरी होता है। बच्चे के जन्म या अन्य किसी कारण से महिलाओं को कई बार अपनी प्रोफेशनल लाइफ से ब्रेक लेना पड़ता है। ऐसे में अगर उनके पास बचत नहीं होगी तो कई तरह की परेशानी हो सकती है। इसलिए जब आप नौकरी कर रही हैं तो आपकी बचत का लक्ष्य कुछ ऐसा होना चाहिए कि आपके पास कम से कम 6 महीनों के अपने सामान्य खर्च जितने पैसे हों। आजकल ज्यादातर प्राइवेट नौकरियों में प्रोविडेंट फंड की सुविधा नहीं होती, इसलिए बुढ़ापे में आत्मनिर्भर रहने के लिए भी सेविंग बहुत जरूरी है। छोटी-छोटी बचत से आप किसी गंभीर परेशानी से बच सकती हैं।

बचत के लिए सबसे पहले एक लक्ष्य निर्धारित करें। यह तय करें कि आपको कितने समय में कितनी बचत करनी है। यह लक्ष्य पूरे साल का कैलेंडर और आने वाले जरूरी खर्चों को ध्यान में रखते हुए ही तय करें। बचत की शुरुआत अपने निजी खर्चों में रोक लगाने से ही करनी होगी। बचत करने के लिए पहले आपको यह हिसाब रखना होगा कि कितना पैसा आ रहा है और कितना खर्च हो रहा है। इस तरह आपको यह पता चलेगा कि आप अतिरिक्त खर्च कहां कर रही हैं।

यह है बचत का सही तरीका
टैक्स एक्सपर्ट विपिन गर्ग के अनुसार, बचत करने का सही तरीका अपनाने के लिए सबसे पहले आपको बचत और निवेश के बीच अंतर को समझना होगा। बचत आपातकालीन खर्चों और भविष्य में किए जाने वाले खर्चों के लिए की जाती है। वहीं, निवेश इसलिए करते हैं ताकि कुल आय में वृद्घि और दीर्घकालीन लक्ष्यों की पूर्ति की जा सके। निवेश करने से पहले अपने लक्ष्यों को भली-भांति निर्धारित कर लें। इसके बाद फंड की जानकारी, निवेश की पूंजी, जोखिम और नुकसान का आकलन कर लें। फाइनेंशियल एडवाइजर रविन्द्र पंत बताते हैं कि स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड या इंश्योरेंस में निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।

पोस्ट ऑफिस में भी हैं विकल्प
पोस्ट ऑफिस में कई आकर्षक सेविंग स्कीम हैं और ब्याज दर भी ज्यादा है। अगर आप लंबे वक्त के लिए निवेश करना चाहती हैं, तो पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स के बारे में भी मालूम कर सकती हैं। पोस्ट ऑफिस में मासिक आय योजना में आप पांच साल तक के लिए निवेश कर सकती हैं। इसमें डेढ़ हजार से लेकर साढ़े चार लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं। संयुक्त खाते में नौ लाख रुपये तक जमा करने का विकल्प है। इसके अलावा आप पोस्ट ऑफिस में आरडी भी करवा सकती हैं। इसमें न्यूनतम दस रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है।
निवेश के एक अन्य विकल्प के रूप में पोस्ट ऑफिस की एनएससी (नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट) भी अच्छा विकल्प है। इसमें न्यूनतम 100 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इसमें दो समयावधि के लिए निवेश का विकल्प है। एक पांच साल के लिए और दूसरा दस साल के लिए। इसमें निवेश का सबसे बड़ा फायदा आयकर में धारा 80सी के तहत छूट का है। इसी तरह टर्म डिपॉजिट में भी 80सी के तहत निवेश पर छूट मिलती है। इसमें न्यूनतम 200 रुपये से शुरुआत की जा सकती है।

पीपीएफ का उठाएं लाभ
प्राइवेट नौकरियों में पेंशन सुविधा न होने के कारण बुढ़ापे में आत्मनिर्भर रहने के लिए जरूरी है कि आप पीपीएफ फंड में अवश्य निवेश करें। पीपीएफ सुविधा सभी बैंक, इंश्योरेंस और पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम में उपलब्ध है। पीपीएफ के तहत आप एक वित्तीय वर्ष में 500 रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक निवेश कर सकती हैं।

बीमा को न करें अनदेखा
एकमुश्त पैसा किसी सिंगल प्रीमियम वाली बीमा या पेंशन योजना में लगाएं। अधिकांश लोग बीमा पॉलिसी को निवेश समझने की भूल कर बैठते हैं, जबकि बीमा निवेश न होकर सुरक्षा कवच है। इसलिए बीमा कराते वक्त रिटर्न और बीमे वाली दोहरी योजना की जगह शुद्घ बीमा उत्पाद में निवेश करना चाहिए। इस तरह के निवेश में आयकर का लाभ उठाने से भी नहीं चूकना चाहिए।

 हमारे देश में जीवन बीमा, सभी बैंक और पोस्ट ऑफिस में सभी जगह लड़कियों के लिए बचत की खास स्कीम उपलब्ध है। जैसे कि सुकन्या समृद्घि अकाउंट, जीवन अंकुर पॉलिसी आदि। यदि आपके घर में बेटी ने जन्म लिया है तो उसके लिए सेविंग जन्म के साथ ही शुरू हो जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त लड़कों के लिए भी ऐसी सुविधा उपलब्ध है।

म्यूचुअल फंड में करें बचत
टैक्स एक्सपर्ट विपिन गर्ग बताते हैं कि अकाउंट में कैश बेकार पड़ा रहने से बेहतर है कि आप उसे अच्छा रिटर्न देने वाले इक्विटी स्कीम में निवेश करें, ताकि हर रुपये का भरपूर उपयोग हो सके। महिलाओं के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश एक और बेहतरीन विकल्प हो सकता है। परेशानी की बात यह है कि अमूमन महिलाएं म्यूचुअल फंड आदि विकल्पों में निवेश करने से दूर भागती हैं। अगर आप अपने इस डर को दूर कर दें तो म्यूचुअल फंड में सिप (सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से न्यूनतम 100 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। आय नियमित है, तो आप म्यूचुअल फंड में लंबे समय तक पैसे लगा सकती हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश यदि सोच-समझकर किया जाए तो बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा अगर आपकी आय ज्यादा है तो टैक्स सेविंग के ईएलएसएस म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकती हैं।

बैंक में ऐसे करें बचत
अगर आपके पास एकमुश्त रकम है तो आप बैंक में फिक्स डिपॉजिट कर सकती हैं। कई बैंक इस समय एफडी पर 10 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं। इसके अलावा टैक्स सेविंग एफडी नौकरीपेशा महिलाओं के लिए भी निवेश का अच्छा विकल्प हो सकता है। टैक्स सेविंग एफडी करवाते समय बस यह ध्यान रखना होगा कि इस योजना में पांच साल से कम अवधि के लिए निवेश नहीं किया जा सकता है। बैंकों में एफडी के अलावा छोटी-छोटी बचत करने के और भी तरीके हैं, जैसे रेकरिंग डिपॉजिट। इसमें आप हर माह कम-से-कम 100 रुपये जमा कर सकती हैं। इसमें आप एक साल से लेकर लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकती हैं। निवेश की मियाद पूरी होने के बाद आपको पूरी रकम ब्याज के साथ मिल जाएगी। बस एक बात का ध्यान रखना होगा कि जिस बैंक में आप एफडी या आरडी कर रही हैं, उसमें आपका बचत खाता होना जरूरी है। मतलब, आपके बुढ़ापे की वित्तीय प्लानिंग में यह रास्ता कारगर हो सकता है। आप अकेले हों या पति की पेंशन  है तो भी आपको किसी पर निर्भर होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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