सुनो सुनाओ परियों की कहानी
तुमने रात को सोने से पहले अपने दादा-दादी, नाना-नानी से कई परी-कथाएं सुनी होंगी। राजा-रानी, राक्षस, ट्रॉल्स, गोम्स जैसे बौने अक्सर इनके पात्र होते हैं और होती हैं परियां, जो अपनी जादू की छड़ी से हर...
तुमने रात को सोने से पहले अपने दादा-दादी, नाना-नानी से कई परी-कथाएं सुनी होंगी। राजा-रानी, राक्षस, ट्रॉल्स, गोम्स जैसे बौने अक्सर इनके पात्र होते हैं और होती हैं परियां, जो अपनी जादू की छड़ी से हर बिगड़े काम सुलझा देती हैं। ये पात्र रहस्य, रोमांच और जादुई करिश्मे का ऐसा ताना-बाना बुन देते हैं, जिससे तुम पलभर में फैंटेसी की दुनिया में पहुंच जाते हो। बड़े मनोरंजक ढंग से गढ़ी गई ये कहानियां तुम्हें न सिर्फ सपने दिखाती हैं, बल्कि जीवन जीने के नैतिक संदेश भी देती हैं।
बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ ये तुम्हारा मानसिक विकास करती हैं, जिससे मुश्किल स्थितियों का सामना भी तुम साहस के साथ कर सको। प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने तो कहा है- ‘अगर बच्चों को बुद्धिमान बनना चाहते हैं, तो उन्हें बचपन से ही परी-कथाएं जरूर सुनानी चाहिए और पढ़ने के लिए पुस्तकें दी जानी चाहिए। ये उन्हें होशियार बनाने और उनकी कल्पनाओं को साकार करने में कारगर साबित होती हैं।’
तुम जानते हो कि ये परी-कथाएं सदियों से दुनिया भर में प्रचलित थीं। रिसर्च से साबित हो चुका है कि पीढ़ी दर पीढ़ी ये परी-कथाएं लोगों की याददाश्त और संस्कारों में रच-बस गई हैं। इन्हें सिर्फ तुमने ही नहीं, तुम्हारे दादा-दादी, नाना-नानी ने भी अपने बड़ों से सुना होगा और उन्होंने अपने बड़ों से। हां, ये जरूर है कि अलग-अलग परिवेश और संस्कृतियों के हिसाब से इनमें बदलाव आता गया।
बच्चों के लिए इनके महत्व को देखते हुए ग्रिम बदर्स ने 1812 में सबसे पहले इन्हें संकलित किया। वर्तमान में परी-कथाओं के अनेक संकलन मिलते हैं, जो बच्चों को लुभाते हैं। अब तो स्टेज पर भी इनका मंचन होने लगा है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी ये अपनी जगह बना चुकी हैं। तो क्यों न तुम भी इन परी-कथाओं के जरिये अपनी कल्पनाओं की उड़ान भरो।
कठिनाइयों का बहादुरी से करो सामना
कई बार तुम कठिन परिस्थिति आने पर घबरा जाते होगे। इसी डर को दूर करती हैं परी-कथाएं। ये बुराई के खिलाफ अच्छाई की जीत को दर्शाती हैं और कठिन परिस्थितियों या जीवन की मुश्किलों का बहादुरी से सामना करने का संदेश देती हैं और यही गुण आगे चलकर तुम्हारे आत्मविश्वास को और मजबूत करता है।
हर मुश्किल करें आसान
तुम हमेशा कहानी के सबसे मजबूत किरदार से प्रभावित होते हो और जाने-अनजाने उसे ही फोलो करते हो। उसके साथ तुम्हारा एक भावनात्मक रिश्ता बन जाता है। फिर चाहे वह परी-कथाओं के पात्र ही क्यों न हों। इन्हें तुम अपने जीवन, सपने और समस्याओं से जोड़कर देखते हो। मुश्किल स्थितियों में तुम उनसे प्रेरणा लेते हो। उनके जैसा काम कर तुम अपनी समस्याओं का हल भी ढूंढ़ लेते हो। ऐसा करने पर तुम्हें जीवन की चुनौतियों को स्वीकार कर आत्मविश्वास और दृढ़ता से आगे बढ़ने की सीख मिलती है।
सपनों को मिलें पंख
तुम्हें यह तो मालूम होगा कि कोई भी रचनात्मक कार्य करने के लिए जरूरत होती है विचारों और समझ की। अलग-अलग देशों की संस्कृतियों को उजागर करती परी-कथाएं इनसे ओत-प्रोत होती हैं। इनसे तुम अपना ज्ञान बढ़ाने के साथ-साथ कल्पना को नया आयाम दे सकते हो।
इन कथाओं को पढ़ने-सुनने से तुम्हारा शब्द-ज्ञान तो मजबूत होगा ही, रचनात्मक कौशल भी बढ़ेगा। तुम खुद अपने विचारों को शब्दों में पिरोकर अपनी कहानियां लिख सकोगे।
नैतिक मूल्यों का होगा विकास
आमतौर पर नैतिक मूल्य सिखाने के लिए हितोपदेश कहानियों को ही श्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन परी-कथाएं भी बहुत अच्छी सीख देती हैं। इनके पात्र काल्पनिक होने पर भी तुम पर अनूठी छाप छोड़ते हैं, जिससे तुम्हारे व्यक्तित्व के विकास में मदद मिलती है। इन कहानियों के चरित्रों से तुम मानवीयता, परोपकार, प्यार, सम्मान, नेकनीयती, बलिदान, कड़ी मेहनत जैसे नैतिक मूल्यों को आसानी से सीख लेते हो, जो जीवन भर तुम्हारे काम आते हैं।
निर्णय लेने की क्षमता का विकास
जिंदगी में कई मोड़ ऐसे आते हैं, जिसमें अपना रास्ता चुनने का फैसला तुम्हें खुद करना होता है। टेलीग्राफ की निदेशक गोडार्ड ब्लीथ का मानना है कि परी-कथाएं बच्चों को सही-गलत की समझ विकसित करने में मदद करती हैं, जिससे वह असल दुनिया में कामयाब हो सकते हैं।