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हम किसी से कम नहीं...

अगर तुम्हें लगता है कि पशु-पक्षियों के पास कोई गुण नहीं होता तो तुम्हें सच पता ही नहीं है। जंगल के बहुत से प्राणी ऐसे हैं, जिनकी खूबियां जान कर तुम हैरान रह जाओगे। ऐसे ही कुछ जानवरों की हैरतअंगेज...

हम किसी से कम नहीं...
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 28 Jan 2015 03:24 PM
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अगर तुम्हें लगता है कि पशु-पक्षियों के पास कोई गुण नहीं होता तो तुम्हें सच पता ही नहीं है। जंगल के बहुत से प्राणी ऐसे हैं, जिनकी खूबियां जान कर तुम हैरान रह जाओगे। ऐसे ही कुछ जानवरों की हैरतअंगेज बातें बता रही हैं मोनिका मीनल

कमाल का डॉंक्टर डॉगी
अपने प्यारे डॉगी को फुस..फुस.. करके हर चीज सूंघते तो तुमने देखा ही होगा। डॉगी गंध पहचानने में माहिर होते हैं। कुत्तों में यह शक्ति मनुष्यों से 10,000 गुणा ज्यादा होती है। पर क्या तुम्हें पता है कि ये इंसान की सांस सूंघ कर उसकी बीमारी भी बता सकते हैं। अगर इन्हें ट्रेंड किया जाए तो कुत्ते कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का भी पता बता सकते हैं। कुत्तों की इस अनोखी खूबी को कैसे उपयोग में लाएं, मेडिकल साइंस अब इस पर काम कर रही है।

पानी पर चलती है ये छिपकली
क्या तुमने पानी पर चलने वाले किसी जीव के बारे में सुना है अब तक? नहीं न! पर एक ऐसी छिपकली है, जो पानी पर चलती है। सेंट्रल अमेरिका, मेक्सिको से पनामा तक पाई जाने वाली ग्रीन बासिलिस्क लिजर्ड के पैर इस तरह के बने होते हैं कि ये आराम से बिना डूबे पानी की सतह पर दौड़ती है। इसके दौड़ेने का स्टाइल भी अनोखा है। हालांकि ये कम ही दूरी तय करती हैं, लेकिन ये अच्छी तैराक भी हैं और पानी के अंदर पूरे आधे घंटे तक रह सकती हैं।

पसीना है या सनस्क्रीन क्रीम
सूरज की अल्ट्रा वॉयलेट रेज से अपनी त्वचा को बचाने के लिए हम सब कोई न कोई उपाय करते हैं। लेकिन कभी सोचा है कि दिन भर धूप में पड़े रहने वाले हिप्पोपोटेमस की त्वचा को कुछ क्यों नहीं होता। दरअसल इनका पसीना कुछ स्पेशल होता है, जो लाल रंग का होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके पसीने में सनस्क्रीन जैसा गुण होता है। यह उन्हें सूरज की नुकसानदायक अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से तो बचाता ही है, साथ ही बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं से भी छुटकारा दिलाता है।

अपुन का लंच कंकड़-पत्थर
क्रोकोडाइल यानी मगरमच्छ तो देखा ही होगा तुमने! कैसा दिखता है, पथरीला सा न! पर पता है यह बाहर से ही नहीं, अंदर से भी गजब का मजबूत होता है। मगरमच्छ दूसरे जानवरों को तो खाता ही है, बड़े-बड़े कंकड़ भी निगल जाता है। अब असली बात जान कर तुम और हैरान हो जाओगे। दरअसल कंकड़ खाने में उसे कोई मजा नहीं आता, पर उसे खाकर यह पेट के अंदर पड़े बाकी खाने को पचाता है। मगरमच्छ के मुंह में दांत नहीं होते और तुम्हें तो पता ही है कि खाना पचाने के लिए उसे चबाना जरूरी है। बस इसीलिए ये अपनी अकल लगा कर कुछ पत्थर निगल लेते हैं, जो अंदर खाने को पीस डालते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि पेट में पड़े कंकड़ इसे डुबकी लेने या पानी के अंदर रहने में मदद करते हैं। अब तो समझ ही गए होगे कि मगरमच्छ को चट्टान या पथरीले तट पर धूप सेंकना पसंद क्यों होता है। वहां, खूब सारे पत्थर जो खाने को मिलते हैं। वैसे कबूतरों के बारे में भी कहा जाता है कि वे कंकड़ खाकर जिंदा रह सकते हैं।

तेज दिमाग होता है हाथी
पृथ्वी पर मौजूद सभी मैमल्स में हाथियों के पास सबसे बड़ा दिमाग होता है। औसतन करीब 11 पाउंड वजन के दिमाग वाला हाथी किसी भी चीज को लंबे समय तक याद रखने के लिए जाना जाता है। हां, इनकी सूंड बहुत फनी लगती है। उस सूड में गजब की ताकत होती है। ये अपनी सूड की मदद से 300 किलो वजन आसानी से उठा सकते हैं। हाथी के दिमाग और शरीर के साइज का अनुपात 1:800 होता है।

दुश्मन को छकाती हैं गिलहरियां
हमारे आसपास फुदकती रहने वाली गिलहरियों के दांत ही नहीं, बुद्धि भी गजब की तेज होती है। ये सांप, उल्लू, लोमड़ी, कुत्तों या बाज से बचने के लिए अपने शरीर की नेचुरल गंध को बड़ी चालाकी से छिपा लेती हैं। ये सांप की छोड़ी हुई त्वचा यानी केंचुल को अपने शरीर पर मल लेती हैं, जिससे इनके शरीर की गंध से दुश्मन कन्फ्यूज हो जाता है। खासकर सांप तो बिल्कुल ही चकरा जाते हैं।

दो पेट की फिश, ज्ञानी कबूतर
जब हमारा एक पेट है, तो हमें कितनी भूख लगती है। जरा स्टारफिश की सोचें, जिसके दो पेट होते हैं। वहीं कई माइग्रेटरी बर्डस और कबूतरों की चोंच में आयरन के कुछ तत्व होते हैं, जिनकी मदद से वे अपने दिशा ज्ञान को एकदम दुरुस्त रखते हैं।

स्पेशल किडनी वाला चूहा
अगर हम तुमसे पूछें कि तुम बिना पानी रह सकते हो? तो तुम्हारा जवाब होगा ‘नहीं’। लेकिन कुछ प्राणियों के जीवन के लिए पानी ‘नो टेंशन’ वाली बात है। आमतौर पर आदमी 3 से 5 दिन तक बिना पानी रह सकता है और  ऊंट 15 दिन तक। पर उत्तरी अमेरिका का कंगारू रैट पूरी जिंदगी बिना पानी के रह सकता है। इनमें एक खास तरह की किडनी होती है, जो शरीर के अंदर मेटाबोलिक पानी उत्पन्न करती है, इसलिए ये बिना पानी जिंदा रह सकते हैं। वैसे तुम्हें पता है कि इनका जीवन कितना लंबा होता है? सिर्फ पांच साल।

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