जींस के माध्यम से बात करते हैं पौधे...!
मनुष्यों की तरह पेड़-पौधे भी आपस में बातें करते हैं। एक वैज्ञानिक ने आश्चर्यजनक खोज के तहत पौधों के बीच संचार के एक नए रूप की खोज की है, जिसमें वे एक दूसरे के साथ असाधारण अनुवांशिक जानकारियों को साझा...
मनुष्यों की तरह पेड़-पौधे भी आपस में बातें करते हैं। एक वैज्ञानिक ने आश्चर्यजनक खोज के तहत पौधों के बीच संचार के एक नए रूप की खोज की है, जिसमें वे एक दूसरे के साथ असाधारण अनुवांशिक जानकारियों को साझा करते हैं।
वर्जीनिया पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट एंड स्टेट यूनिवर्सिटी (वर्जीनिया टेक) में कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड लाइफ साइंस के प्रोफेसर जिम वेस्टवुड ने कहा, ''इस खोज से विश्व के निर्धन देशों में फसलों पर कहर बरपा रहे परजीवी घासों से भी लड़ने में मदद मिलेगी।''
वेस्टवुड ने एक परजीवी पौधा 'दोदर' और उसके दो पोषक (होस्ट) पौधों अरबिडॉप्सिस और टमाटर के बीच के संबंधों की पड़ताल की। दोनों प्रजातियों के बीच आरएनए के परिवहन की जानकारी उन्हें पहले ही हो चुकी थी।
नए अध्ययन में उन्होंने पाया कि इस परजीवी संबंध के दौरान पोषक पौधे और परजीवी पौधे के बीच हजारों संदेशवाहक (एम) आरएनए अणुओं का आदान-प्रदान होता है, जिसके माध्यम से दोनों प्रजातियों के बीच खुली बातचीत संभव हो पाती है।
इस आदान-प्रदान द्वारा परजीवी पोषक पौधे की गतिविधियों पर नियंत्रण कर लेता है। इसतरह वह परजीवी से लड़ने की पौधे की सुरक्षा शक्ति को खत्म कर देता है और आसानी से पौधे पर नियंत्रण कर उसे खत्म कर देता है।
वेस्टवुड ने कहा, ''अंतरजीवी संपर्क की खोज से पता चलता है कि हम जितना सोच रहे थे, उससे ज्यादा ही गतिविधियां होती हैं।'' उन्होंने कहा, ''खोज की सबसे बड़ी बात यह है कि इससे फसल को नुकसान पहुंचाने वाले परजीवियों के खात्मे में मदद मिल सकती है।''
इस जानकारी से वैज्ञानिक इस बात की खोज करेंगे कि कहीं बैक्टीरीया और कवक भी तो इसी तरह से सूचनाओं का आदान-प्रदान तो नहीं करते। यह निष्कर्ष पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित हुआ है।