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राजकुमारी जैसी परवरिश नहीं दें

बचपन में लड़कियों की कम शारीरिक सक्रियता से वयस्क होने पर उन पर ऑस्टियोपोरोसिस, मधुमेह और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन की संस्था गर्ल्स डे स्कूल ट्रस्ट के शोध में यह दावा किया...

राजकुमारी जैसी परवरिश नहीं दें
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 10 Jun 2014 01:04 PM
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बचपन में लड़कियों की कम शारीरिक सक्रियता से वयस्क होने पर उन पर ऑस्टियोपोरोसिस, मधुमेह और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन की संस्था गर्ल्स डे स्कूल ट्रस्ट के शोध में यह दावा किया गया है।

अध्ययन के लिए स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों की सेहत और शारीरिक सक्रियता का अध्ययन किया गया। संस्था की प्रमुख हेलेन फ्रॉसर के मुताबिक अक्सर देखा गया है कि कम उम्र से ही लड़कों को घर से बाहर खेलने की इजाजत आसानी से मिल जाती है, लेकिन लड़कियों की राजकुमारी जैसी परवरिश की जाती है। जबकि यह बेहद जरूरी है कि लड़कियों को भी शारीरिक गतिविधि के लिए प्रेरित किया जाए। लड़कियों को हॉकी, फुटबाल के अलावा कराटे और जुंबा जैसे खेल खेलने चाहिए।

खेल में भेदभाव नहीं
पढ़ाई-लिखाई की तरह खेल में भी न करें लड़के और लड़कियों में भेदभाव
लड़कियों वाले ही नहीं सभी खेल के लिए करें प्रेरित, वह फुटबाल हो या क्रिकेट
लड़कियों को भी शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने पर ध्यान दें

खेल के फायदे
शारीरिक सक्रियता से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे दिमाग तेज होगा। वहीं किशोरावस्था वह समय होता है, जब लड़कियों और लड़कों की जीवनशैली अलग होने लगती है।

हर देश की यही संस्कृति
यह हर देश की संस्कृति है कि लड़कों को हमेशा कोई न कोई खेल खेलने के लिए प्रेरित किया जाता है, जबकि लड़कियों से उम्मीद की जाती है कि वे चुपचाप रहें और किसी राजकुमारी की तरह बर्ताव करें।

सफलता के लिए जरूरी खेल
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