अनोखा टीचर्स डे
रानू सुबह-सुबह उठा और हर संडे की तरह सबसे पहले अपने घर के सामने बने पार्क में गया। वहां उसने सबसे पहले तीन चक्कर पार्क के दौड़ कर पूरे किए। वह नीचे झुक कर अपने पैर छूते हुए नीचे की ओर देख रहा...
रानू सुबह-सुबह उठा और हर संडे की तरह सबसे पहले अपने घर के सामने बने पार्क में गया। वहां उसने सबसे पहले तीन चक्कर पार्क के दौड़ कर पूरे किए। वह नीचे झुक कर अपने पैर छूते हुए नीचे की ओर देख रहा था कि उसे अपने आसपास कुछ हलचल सी सुनाई दी। उसने सिर उठाकर देखा तो उसके घर के सामने की बस्ती के कई बच्चे हाथ में फूल लेकर उसे चारों ओर से घेर कर खडे़ हुए थे और जैसे ही रानू ने उन सबकी ओर देखना शुरू किया तो वे सब जोर से उसको हैप्पी टीचर्स डे भैया बोलने लगे।
रानू पहले तो एकदम से सकपका गया, पर जल्दी ही उसे समझ में आ गया कि ये सब बच्चे उसे इसलिए ऐसा विश कर रहे हैं, क्योंकि रानू अकसर उन सबकी पढ़ाई में मदद करता था और हमेशा उन्हें कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहित करता रहता था।
फिर भी रानू ने उनसे कहा कि अरे, मैं कोई टीचर थोड़े ही न हूं, जो तुम लोग मुझे विश कर रहे हो, मैं तो सेवेंथ क्लास में पढ़ता हूं। इस पर छोटी सी बिन्नी बोली- पर भैया, हमारे लिए तो आप टीचर ही हैं, क्योंकि आपने हमें बहुत कुछ सिखाया है। आपने मुझे जो पोएम याद कराई है, उसे जब मैंने पिछले हफ्ते स्कूल में क्लास टीचर को सुनाया तो उन्होंने सब बच्चों के सामने मेरी खूब तारीफ की और पूछा कि किस टीचर से मैंने ये सीखी, तब मैंने उन्हें आपके बारे में बताया। बस मैंने तो उसी दिन सोच लिया था कि इस बार मैं तो आपको टीचर्स डे पर विश करूंगी। और मैंने जब अपने इस प्लान के बारे में डब्बू, मीतू, जिया, शम्मी को बताया तो हम सब लोगों ने तय किया कि हम इस बार आपके साथ अपना टीचर्स डे सेलिब्रेट करेंगे।
अभी बिन्नी चुप भी न हो पाई थी कि जिया बोल पड़ी कि भैया, आपने मुझे तो महात्मा गांधी के बारे में अच्छी-अच्छी बातें बताई थीं। वो जब मैंने घर जाकर डैडी को बताईं तो उन्होंने मुझे खूब प्यार किया, एक बड़ी वाली चॉकलेट भी दी और कहा कि मैं आपके पास जाकर ये सब सीखा करूं। पार्क में घास में पानी डाल रहे माली काका ये सब देखकर बच्चों के पास आए और रानू की ओर देखते हुए बोले कि बच्चो, अगर तुम रानू को सच्ची में टीचर्स डे विश करना चाहते हो तो उसे प्रॉमिस करो कि जो बातें वह तुम लोगों को सिखाता है, वे तुम घर जाकर अपने भाई-बहनों को भी सिखाओगे। माली काका की बात सुनकर शम्मी बोला, हां फिर तो हम भी रानू भैया की तरह किसी के लिए टीचर बन जाएंगे। बस ये सब सुनकर रानू की आंखें भर आईं और वह सभी अपने छोटे दोस्तों को गले लगाकर वेरी वेरी थैंक्यू बोला।