फोटो गैलरी

Hindi Newsसुबह का ज्ञान: परिस्थिति कैसी भी हो साथ लाती हैं नए अवसर

सुबह का ज्ञान: परिस्थिति कैसी भी हो साथ लाती हैं नए अवसर

बात उन दिनों की है, जब चाय को लोग कम ही जानते थे। थॉमस  जे. लिप्टन ने चाय का कारोबार शुरू किया। लोगों ने चाय में रुचि नहीं दिखाई और उनकी कंपनी को लगातार नुकसान होने लगा। विषम हालातों में भी थॉमस...

सुबह का ज्ञान: परिस्थिति कैसी भी हो साथ लाती हैं नए अवसर
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 18 Jan 2017 06:18 AM
ऐप पर पढ़ें

बात उन दिनों की है, जब चाय को लोग कम ही जानते थे। थॉमस  जे. लिप्टन ने चाय का कारोबार शुरू किया। लोगों ने चाय में रुचि नहीं दिखाई और उनकी कंपनी को लगातार नुकसान होने लगा। विषम हालातों में भी थॉमस  जे. लिप्टन ने हिम्मत नहीं हारी और उत्साह से कारोबार को बढ़ाने में जुट गए।

उन्होंने दूसरे देशों में अपना कारोबार फैलाने का निर्णय लिया। वह चाय की पेटियों को पानी के जहाज में लेकर यात्रा पर निकल पड़े। रास्ते में जहाज में बड़ी खामी आ गई और जहाज डूबने लगा। जहाज के कैप्टन ने कहा कि सभी यात्री अपना सामान समुद्र में फेंक दें। यह सुनकर थॉमस  जे. लिप्टन परेशान हो गए। उन्हें पता था कि अगर उन्होंने पेटियों को समुद्र में फेंक दिया तो वह बर्बाद हो जाएंगे। अचानक उनके मन में कुछ विचार आया।

उन्होंने सभी पेटियों पर अपनी कंपनी का नाम लिखा और संदेश लिखा कि इस चाय को पीएं। यह लिखकर उन्होंने सभी पेटियों को समुद्र में फेंक दिया। उन्होंने सोचा कि समुद्र में बहकर यह चाय की पेटियां दूसरे देश तक पहुंच जाएंगी और हो सकता है कि वहां के लोग उनकी कंपनी का नाम जान सकें। सभी यात्रियों ने जब अपना सामान समुद्र में फेंक दिया तो जहाज डूबने से बच गया और सभी लोग सुरक्षित हो गए।

जब जहाज लंदन पहुंचा तो थॉमस  जे. लिप्टन ने इस हादसे के बारे में विस्तार से लिखा और कागज पर अपनी कंपनी का नाम लिखकर वहां के एक समाचार पत्र को सौंप दिया। जब समाचार पत्र ने यह खबर प्रकाशित की तो लोगों ने बड़ी दिलचस्पी के साथ इसको पढ़ा।

उस दिन से लोग थॉमस  जे. लिप्टन की कंपनी को भी जानने लगे। इसके बाद उनकी कंपनी की प्रसिद्धि बढ़ने लगी। इस हादसे के कुछ समय बाद उनकी कंपनी सबसे बड़ी चाय की कंपनी बनकर उभरी। आज  भी यह कंपनी  दुनियाभर में जानी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि परिस्थितियां अनुकूल हों या प्रतिकूल, उनसे अवसर अवश्य छिपे रहते हैं। बस हमें उन्हें पहचानना होता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें