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जिंदगी में भी कुछ संघर्ष अच्छे होते हैं

एक आदमी बगीचे में टहल रहा था। घूमते हुए अचानक उसकी नजर एक पेड़ पर तितली के कोकून पर पड़ी। एक दिन उसने देखा कि कोकून में एक छोटा सा छेद हो गया है। यह देख वह वहीं बैठ गया और उसने पाया कि तितली उस छेद...

जिंदगी में भी कुछ संघर्ष अच्छे होते हैं
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 12 Mar 2017 08:18 PM
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एक आदमी बगीचे में टहल रहा था। घूमते हुए अचानक उसकी नजर एक पेड़ पर तितली के कोकून पर पड़ी। एक दिन उसने देखा कि कोकून में एक छोटा सा छेद हो गया है। यह देख वह वहीं बैठ गया और उसने पाया कि तितली उस छेद से बाहर आने के लिए बहुत संघर्ष कर रही है। 

घंटों तितली बाहर निकलने के लिए मेहनत करती रही, लेकिन वह बहुत कोशिश करने के बाद भी  छेद से बाहर नहीं निकल पा रही थी। कुछ देर बाद तितली ने थक हार कर बाहर निकलना बंद कर दिया। यह देखकर आदमी ने तितली की मदद करने की सोची। 

वह घर गया और घर से कैंची ले आया। उसने कैंची से कोकून के छेद को बड़ा करने के लिए काट दिया। इसके बाद तितली बड़े आराम से बाहर आ गई। लेकिन जैसे ही वह बाहर आई उसके पंख सिकुड़े हुए थे और उसकी शरीर पर सूजन आई हुई थी। 

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वह शख्स लगातार उस तितली को देख रहा था। उसे लगा कि अब तो तितली जल्दी से उड़ जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वह बिल्कुल भी नहीं उड़ पाई और घिसटकर चलने लगी। अब वह पूरी जिंदगी ऐसी ही रहने वाली थी।

वजह साफ थी। कोकून का वह संघर्ष उसके लिए जरूरी था। लेकिन वह आदमी अपनी दयालुता के कारण समझ नहीं पाया और उसने उसकी मदद करने के चक्कर में कोकून को काट डाला। दरअसल कोकून एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसलिए इसे कठिन बनाया गया है क्योंकि इस कठिन प्रकिया के बाद तितली के शऱीर में मौजूद तरल पदार्थ उसके पंखों से चिपकता है और वो उस कोकून से बाहर आती है।

ऐसे ही जिंदगी में भी कुछ संघर्ष अच्छे होते हैं। इन संघर्षों की वजह से हम भविष्य में आगे बढ़ पाते हैं वरना उस तितली की तरह ही उन्हें जिंदगी घिसटते हुए ही बितानी पड़ती है। इसलिए अगर जिंदगी में बुरा समय और संघर्ष का समय आए तो उसे सकारात्मक दृष्टि से देखना चाहिए।

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