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टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज: करियर के साथ सेवा का सुकून

अपनी स्थापना के शानदार 75 वर्ष पूरे कर चुका टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल साइंसेज हजारों ऐसे छात्र-छात्राओं को उम्दा प्रशिक्षण दे चुका है, जो आज दुनियाभर में संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं। संस्थान की...

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज: करियर के साथ सेवा का सुकून
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 05 May 2015 12:47 PM
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अपनी स्थापना के शानदार 75 वर्ष पूरे कर चुका टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल साइंसेज हजारों ऐसे छात्र-छात्राओं को उम्दा प्रशिक्षण दे चुका है, जो आज दुनियाभर में संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं। संस्थान की सफलता का आलम यह है कि आज यहां के शत-प्रतिशत छात्र प्लेसमेंट पा लेते हैं। नर्मदा आंदोलन से देखते-देखते भारतीयों के दिलों में समा जाने वाली मेधा पाटकर ने टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल साइंसेज से ही अपनी पढ़ाई पूरी की थी। विश्व बैंक के वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉं. दिनेश नायर भी इसी संस्थान के छात्र रह चुके हैं। वॉलमार्ट ग्लोबल ई कॉमर्स के चीफ पीपुल ऑफिसर प्रनेश अंतपुर ने भी इसी संस्थान से पढ़ाई की और कोटक महिन्द्रा के समूह प्रमुख (एचआर) मकरंद खटावकर भी कभी इसी इंस्टीटय़ूट में पढ़ाई कर चुके हैं। ऐसे कितने ही नाम हैं, जो इस संस्थान से पढ़ाई पूरी कर दुनिया भर में नाम कमा रहे हैं, जिन पर संस्थान गर्व करता है।

कभी इसी उद्देश्य से सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट ने इस संस्थान की स्थापना मुंबई के देओनार में की थी। उस समय इसका नाम था सर दोराबजी टाटा ग्रेजुएट स्कूल ऑफ सोशल वर्क और यहां 20 छात्रों ने नामांकन कराया था, लेकिन 1944 में इसका नाम टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल साइंसेज रख दिया गया। 1964 में इसे डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया और 2010 में एनएएसी (नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल) द्वारा इसे ए ग्रेड रेटिंग प्रदान कर दी गई। अब तो संस्थान की शाखाएं महाराष्ट्र के तुलजापुर, गुवाहाटी और हैदराबाद में भी सफलतापूर्वक चल रही हैं।

कोर्स और सीटें- इस संस्थान में विभिन्न स्तरों के 40 पाठय़क्रम चलाए जाते हैं। संस्थान के पाठय़क्रमों को अलग-अलग स्कूलों के तहत रखा गया है। स्कूल ऑफ सोशल वर्क के तहत सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठय़क्रमों के अलावा एमए, एमफिल और पीएचडी स्तर के पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है। इसी तरह स्कूल ऑफ एजुकेशन, स्कूल ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ हैबिटेट स्टडीज, स्कूल ऑफ हेल्थ सिस्टम्स स्टडीज, स्कूल ऑफ लॉ, राइट्स एंड कंस्टीटय़ूशनल गवर्नेस, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड लेबर स्टडीज, स्कूल ऑफ मीडिया एंड कल्चरल स्टडीज, स्कूल ऑफ रूरल डेवलपमेंट, स्कूल ऑफ वोकेशनल एजुकेशन प्रमुख हैं।

यहां है खास- संस्थान की सर दोराबजी टाटा मेमोरियल लाइब्रेरी देश की बेहतरीन लाइब्रेरीज में से एक है। यहां ऑनलाइन कैटलॉग से लेकर ई रिसोर्सेस तक पहुंचने की बेहतरीन सुविधा है। इसी तरह यहां के हॉस्टल तमाम सुविधाओं से संपन्न हैं।

कैंपस है खास- टीआईएसएस का कैंपस हरा-भरा और तमाम सुविधाओं से सुसज्जित है। छात्र/छात्राओं के लिए आवासीय सुविधा, बेहतर कैफेटेरिया और अन्य तमाम जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

मिलते हैं अनेक अवॉर्ड और मेडल- यहां छात्रों को अनेक प्रमुख छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। अकेले सामाजिक कार्य विभाग में ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट स्कॉलरशिप, जेआरडी टाटा ट्रस्ट अवॉर्ड, कोकिला गुलाटी स्कॉलरशिप, डॉं. जेसी मरफाटिया स्टूडेंटशिप, डॉ. जीआर बैनर्जी स्कॉलरशिप समेत लगभग 20 छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इसी तरह तमाम विषयों में छात्र ढेर सारी छात्रवृत्तियां प्राप्त करते हैं।

प्लेसमेंट- संबंधित क्षेत्र की जरूरत के अनुसार दिए जाने वाले अपने उम्दा प्रशिक्षण के आधार पर संस्थान 100 प्रतिशत प्लेसमेंट की बात करता है।

पता- डायरेक्टर, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, वी. एन. पुरव मार्ग, देवनार, मुंबई-400088
फोन- 022-25525000,25525500
वेबसाइट  http://www.tiss.edu/

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