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डायबिटीज से बचने के लिए करें तिल के तेल का प्रयोग

मेडिकल पत्रिका लैंसेट के अध्ययन के अनुसार 7 करोड़ डायबिटीज मरीजों की आबादी के साथ भारत विश्व के तीन शीर्ष डायबिटीज पीड़ित देशों में से एक है। तिल का तेल मधुमेह की रोकथाम में मदद करता है, इसलिए...

डायबिटीज से बचने के लिए करें तिल के तेल का प्रयोग
एजेंसीThu, 19 May 2016 11:40 AM
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मेडिकल पत्रिका लैंसेट के अध्ययन के अनुसार 7 करोड़ डायबिटीज मरीजों की आबादी के साथ भारत विश्व के तीन शीर्ष डायबिटीज पीड़ित देशों में से एक है। तिल का तेल मधुमेह की रोकथाम में मदद करता है, इसलिए विशेषज्ञों ने तिल के तेल के प्रयोग की सिफारिश की है।

भारत में 2014 और 2015 में 20-70 साल के आयु समूह के बीच डायबिटीज के मामले क्रमश: 6.68 करोड़ और 6.91 करोड़ पाए गए हैं।

केएनजी एग्रो फूड के निदेशक सिद्धार्थ गोयल ने कहा, ‘‘देश में तिल के तेल का बाजार बहुत व्यापक है जिसका प्रयोग डायबिटीज को मात देने के लिए किया जा सकता है। विश्वभर में हर साल लगभग 30 लाख टन तिल का उत्पादन किया जाता है और भारत में इसका लगभग 30 प्रतिशत उत्पादन होता है। मुख्य रूप से महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में तिल की खेती होती है। यहां तीन किस्मों पीली, लाल और काली तिल की खेती की जाती है।’’

डायबिटीज विशेषज्ञ और चिकित्सक डॉ. अमरदीप सचदेव ने कहा, ‘‘तिल/तिल के तेल में विटामिन ई और अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स, जैसे कि लिगनैंस, प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये सभी तत्व टाइप 2 डायबिटीज में फायदेमंद होते हैं। शोध के अनुसार, वे डायबिटीज पीड़ित मरीज जो खराब कार्डियोवैस्कुलर सेहत से प्राय: पीड़ित होते हैं, और जिनकी बीमारी फ्री रेडिकल्स से और भी बिगड़ सकती है, उसे हटाने में तिल के ऑक्सीडेंट्स सहायता करते हैं।’’

राष्ट्रीय कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर रोग एवं आघात निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) के तहत व्यवहार और जीवनशैली परिवर्तन को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके तहत ज्यादा जोखिम से जुड़े लोगों की स्क्रीनिंग कर जांच की जाती है। साथ ही डायबिटीज सहित गैर-संचारी रोगों के उपयुक्त प्रबंधन के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत तिल के तेल द्वारा प्रदान किए जाने वाले फायदों के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाता है।

सिद्धार्थ गोयल ने कहा, ‘‘एक बार लोगों को तिल के तेल का फायदा समझ में आ गया तो हमारा देश एक डायबिटीज-मुक्त राष्ट्र बन जाएगा।’’

इस तथ्य को जानना भी यहां दिलचस्प होगा कि तिल एक ऐसा पौधा है जो सूखे में भी बच जाता है और बढ़ता रहता है। तिल की यह खासियत इसे ‘उत्तरजीवी फसल’ बनाती है।

तिल का तेल डायबिटीज की रोकथाम करने में भी मदद करता है क्योंकि यह रक्त में ग्लूकोज स्तर, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड स्तर को घटाता है। कोलेस्ट्रॉल पर इसके प्रभाव के कारण यह स्वाभाविक है कि तिल का तेल ऐसे रोगों को रोकता है जो कि डायबिटीज पीड़ित मरीजों में आम हैं जैसे कि अथेरोस्क्लेरोसिस और कार्डियोवेस्कुलर रोग।

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