डॉक्टरों का दावा, पुरुषों में भी हो सकता है स्तन कैंसर
सुनने में भले ही अटपटा लगे लेकिन यहां के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डॉक्टरों का दावा है कि पुरुषों को भी स्तन कैंसर हो सकता है। इस महीने को स्तन कैंसर जागरुकता माह के...
सुनने में भले ही अटपटा लगे लेकिन यहां के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डॉक्टरों का दावा है कि पुरुषों को भी स्तन कैंसर हो सकता है।
इस महीने को स्तन कैंसर जागरुकता माह के रुप में मना रहे विश्वविद्यालय के कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाली बड़ी बीमारियों में से एक है। उनका दावा है कि स्तन कैंसर पुरुषों को भी हो सकता है लेकिन पुरुषों की तुलना में यह बीमारी महिलाओं में बहुत अधिक होती है।
जागरुकता माह के संयोजक और कैंसर विशेषज्ञ डॉ. पी.के. मिश्रा ने कहा कि कैंसर प्रमुख रूप से असामान्य कोशिकाओं के समूह के अनियंत्रित रुप से बढ़ने के कारण होता है। ऐसी कोशिकाओं का समूह अक्सर ट्यूमर का निर्माण करता है। स्तन कैंसर में ट्यूमर आसपास के टिश्यूज में भी विकसित हो जाता है और कभी-कभी शरीर के अन्य भागों तक भी फैल जाता है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि धूम्रपान, मोटापा, व्यायाम की कमी और अस्वाध्यकर भोजन आदि से स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। स्तन कैंसर के मामले में महिलाएं प्राय: सबसे पहले स्तन में गांठ का अनुभव करती हैं तथा कुछ मामले में तेज दर्द या स्तन मुलायम होने का भी अनुभव कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों में स्तन के आकार में परिवर्तन, एक नई गांठ जो अगली माहवारी के बाद भी खत्म न होना, स्तन के निप्पल से लाल, भूरे या पीले रंग के स्रव का निकलना, स्तन का लाल होना, सूजन या बगल में गांठ होना, कालरबोन या कांख के पास सूजन या गांठ होना आदि है।
उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर के बारे में जानकारी करने का सबसे अच्छा तरीका मैमोग्राफी है। कैंसर की पहचान करने के लिए जरूरत पड़ने पर बॉयोप्सी की जाती है।
उन्होंने कहा कि इन दिनों आधुनिक ब्रेस्ट सर्जरी से केवल कैंसर ग्रस्त भाग को निकालकर उपचार दिया जाता है। इससे मरीज को कम दर्द, तेजी से घाव ठीक होना, संक्रमण का कम जोखिम और अस्पताल में कम समय तक रुकना पड़ता है।