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टाइप 2 डायबिटीज, आप रहें सावधान

गर्मी कई तरह की परेशानियां साथ लाती है। इस मौसम में टाइप 2 डायबिटीज से पीडित लोगों की मुश्किलें कुछ अधिक ही बढ़ जाती हैं। ऐसे लोग इस मौसम में खुद को कैसे स्वस्थ रखें, विशेषज्ञों से बातचीत कर बता रही...

टाइप 2 डायबिटीज, आप रहें सावधान
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 22 May 2015 02:47 PM
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गर्मी कई तरह की परेशानियां साथ लाती है। इस मौसम में टाइप 2 डायबिटीज से पीडित लोगों की मुश्किलें कुछ अधिक ही बढ़ जाती हैं। ऐसे लोग इस मौसम में खुद को कैसे स्वस्थ रखें, विशेषज्ञों से बातचीत कर बता रही हैं श्रुति गोयल

गर्मी में यूं तो स्वीमिंग पूल और समुद्र तटों पर जाने का मन करता है, पर टाइप 2 मधुमेह के शिकार लोगों द्वारा इस मौसम में ऐसा करना उनकी समस्याएं बढ़ा सकता है। इसलिए इस मौसम में टाइप 2 मधुमेह के शिकार लोगों को अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देना चाहिए। ऐसे ज्यादातर लोगों को यह तो पता होता है कि अत्यधिक गर्मी उनके लिए खतरा बन सकती है, पर सावधानियां बरतने के बारे में शायद उन्हें अधिक जानकारी नहीं होती।

अगर आप मधुमेह के शिकार हैं तो अत्यधिक गर्मी और उमस वाले स्थान आपके लिए परेशानियां बढ़ा सकते हैं। जब हीट इंडेक्स यानी गर्मी सूचकांक 40 प्रतिशत नमी के साथ 80 डिग्री फॉरेनहाइट तक पहुंचता है तो विशेष सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है। ऐसी स्थिति में बुजुर्ग लोगों को विशेष रूप से खतरा होता है, लेकिन इन खतरों की जानकारी ऐसे सभी रोगियों को होनी चाहिए। इन खतरों में डीहाइड्रेशन, पैर की समस्याएं आदि प्रमुख हैं।

मधुमेह और डीहाइड्रेशन
टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में डीहाइड्रेशन की आशंका अधिक होती है। 

मधुमेह और पैर की सेहत
मधुमेह के रोगियों के लिए पैरों की उचित देखभाल बहुत जरूरी है। गर्मी में पैर पसीने से भीगे होते हैं, जिससे मोजे गीले हो जाते हैं। यह स्थिति मधुमेह रोगियों के लिए ठीक नहीं होती। आपके पैर सूखे रहेंगे तो अधिक सुरक्षित रहेंगे। इसके लिए जब भी घर से बाहर जाएं तो पैरों में सन्सक्रीन लगा लें या ऐसे जूते पहनें, जिनसे पैरों को ज्यादा गर्मी न लगे और पूरा आराम मिले।

शुगर की जांच चार बार करें
विशेषज्ञ कहते हैं कि इस मौसम में ग्लूकोज के स्तर की जांच दिन भर में चार बार करें। यदि घर से बाहर निकलना हो या किसी और कारण से चार बार जांच करना संभव न हो तो जरूरी सावधानी बरतते हुए बाहर जाएं।

मधुमेह पर नियंत्रण
गर्मी में मधुमेह को नियंत्रित करने वाली दवाओं आदि का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। सभी दवाएं, ग्लूकोज, मीटर और टेस्टिंग स्ट्रिप्स आदि ठंडी और सूखी जगह पर रखें। अपनी दवाओं और इंसुलिन को अपनी कार, धूप वाली जगह या किसी भी गर्म स्थान पर न छोड़ें। इन चीजों को ठंडा रखने के लिए इंसुलेटेड लंच बैग में भी रख सकते हैं।

इन बातों पर ध्यान दें
टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक तौर पर सक्रिय रहें। इसके लिए गर्मी में भी व्यायाम करना न छोड़ें, पर इस बात का ध्यान रखें कि वह जगह ठंडी हो। सुबह के समय व्यायाम करना बेहतर रहेगा।

मधुमेह और हीट इग्जॉस्शन
यदि आप इस मौसम में घर या ऑफिस से बाहर जा रहे हैं तो हीट इग्जॉस्शन के इन लक्षणों के प्रति सावधान रहें 
चक्कर आना।
बेहोशी की स्थिति पैदा होना।
अतिरिक्त पसीना आना।
मांसपेशियों में ऐंठन।
सिरदर्द होना।
दिल की धड़कन तीव्र होना।

इससे बचने के लिए जरूरी है कि गर्मी से बचें और ठंडी जगह पर ही अधिक समय बिताएं।

क्या हैं कारण
जब उनके रक्त शर्करा का स्तर बहुत अधिक होता है, तब सामान्य से अधिक पेशाब की समस्या हो जाती है। अधिक पसीना भी आ सकता है।
इससे शरीर से तरल पदार्थ तेजी से कम होने लगता है।
कुछ दवाएं भी डीहाइड्रेशन की आशंका बढ़ाती हैं।

बरतें सावधानी
गर्मी में अधिक से अधिक तरल पदार्थ लें।
इस मौसम में बाहर निकलें तो ध्यान रखें कि आपके साथ पीने का पानी जरूर हो। संभव हो तो चीनी मुक्त नीबू पानी या अन्य पेय भी साथ रखें।
शराब और कैफीन के इस्तेमाल से बचें। आप इसके बगैर नहीं रह सकते तो इसकी मात्रा कम रखें, अन्यथा यह शरीर में तरल पदार्थ की बेहद कमी का कारण बन सकता है।
यदि आपको ब्लड शुगर कम होने की शिकायत है तो अपने साथ स्नैक्स भी रखें और उन्हें थोड़ी-थोड़ी देर में खाते रहें।

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