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बेहतर आदतें गैस से रखें दूर

गैस की समस्या साधारण लगती है, लेकिन कई बार बड़ी परेशानियों का सबब बन जाती है। गैस के कारण पौष्टिक भोजन का भी शरीर को पूरा लाभ नहीं मिल पाता। गैस के दुष्परिणाम और इनसे बचने के उपाय बता रही हैं शमीम...

बेहतर आदतें गैस से रखें दूर
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 20 Mar 2015 12:03 PM
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गैस की समस्या साधारण लगती है, लेकिन कई बार बड़ी परेशानियों का सबब बन जाती है। गैस के कारण पौष्टिक भोजन का भी शरीर को पूरा लाभ नहीं मिल पाता। गैस के दुष्परिणाम और इनसे बचने के उपाय बता रही हैं शमीम खान

शरीर में गैस का बनना साधारण बात है। यह शरीर से बाहर या तो डकार द्वारा या गुदा मार्ग के द्वारा निकलती है। अधिकतर लोगों के शरीर में 1 से 4 पिंट्स गैस उत्पन्न होती है और वे एक दिन में कम से कम 14 से 23 बार गैस पास करते हैं। जिनकी पाचन शक्ति खराब रहती है और जो प्राय: कब्ज के शिकार रहते हैं, उनमें गैस की समस्या अधिक होती है।

क्यों बनती है गैस
हमारे पाचनतंत्र में गैस दो तरीके से आती है, निगली गई हवा द्वारा और अनपचे भोजन के टूटने से।

निगली गई हवा द्वारा
एरोफैगिया या निगली गई हवा पेट में गैस का सबसे प्रमुख कारण है। खाते और पीते समय हर कोई हवा निगल लेता है। हालांकि जल्दी-जल्दी  खाने या पीने, च्युइंगम चबाने, धूम्रपान करने से कुछ लोग ज्यादा हवा अंदर ले लेते हैं, जिसमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड होती है। कुछ हवा डकार के द्वारा बाहर निकल जाती है और कुछ हवा आंत में चली जाती है, जहां इसकी कुछ मात्रा अवशोषित हो जाती है। बची हुई गैस यहां से बड़ी आंत में चली जाती है, जो गुदा मार्ग द्वारा बाहर निकलती है।

अनपचे भोजन का टूटना
शरीर कुछ कार्बोहाइड्रेट को न तो पचा पाता है और न ही अवशोषित कर पाता है। छोटी आंत में कुछ निश्चित एंजाइमों की कमी या अनुपस्थिति से इनका पाचन नहीं हो पाता। यह भोजन जब छोटी आंत से बड़ी आंत में आता है तो बैक्टीरिया के द्वारा किण्वन (खमीर) की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है, जिससे गैस बनती है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में एंजाइमों का स्तर कम हो जाता है, गैस की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है।

क्या होता है गैस समस्या में
पेट फूल जाना
जीभ पर सफेद पर्त जमा हो जाना
सांस में बदबू आना
मल से बदबू आना आदि।

गैस ज्यादा बनाने वाले भोजन
सब्जियां जैसे ब्रोकली, पत्तागोभी, फूलगोभी और प्याज, फल जैसे सेब, केला और आडू, साबुत अनाज जैसे गेहूं, सॉफ्ट ड्रिंक्स और फलों का जूस, दूध और उससे बने उत्पाद, डिब्बाबंद भोजन आदि।

जब गैस से दुर्गध आए
शरीर में जो गैस बनती है, वह गंधहीन होती है। उसमें कार्बन डाईऑक्साइड, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन और कभी-कभी मिथेन होती है। कभी-कभी गुदा मार्ग से निकलने वाली गैस में जो गंध होती है, वह बड़ी आंत से बनने वाली सल्फरयुक्त गैस के कारण होती है।

जीवनशैली में लाएं बदलाव

अपना औसत भार बनाए रखें।
लगातार कई घंटों तक न बैठें, हर घंटे बाद कुछ मिनट का ब्रेक लें।
लंच करने के बाद थोड़ी देर टहलें।
लिफ्ट के बजाय सीढियों का प्रयोग करें।
खाना खाने के बाद एक गिलास नीबू पानी पी लें या एक छोटे टिफिन बॉक्स में थोड़ा पपीता काट कर कार्यस्थल पर ले जाएं और भोजन के बाद खाएं।

गैस से बचने के उपाय

कार्बोनेटेड ड्रिंक और वाइन न पिएं, क्योंकि यह कार्बन डाईऑक्साइड रिलीज करते हैं।
पाइप के द्वारा कोई चीज न पिएं, बल्कि सीधे गिलास से पिएं।
अधिक तला-भुना और मसालेदार भोजन न करें।
तनाव भी गैस बनने का एक प्रमुख कारण है, इसलिए तनाव से दूर रहने की हर संभव कोशिश करें।
कब्ज भी इसका एक कारण हो सकती है। जितने लंबे समय तक भोजन बड़ी आंत में रहेगा, उतनी मात्रा में गैस बनेगी।
खाने के तुरंत बाद न सोएं। थोड़ी देर टहलें। इससे पाचन ठीक होगा और पेट भी नहीं फूलेगा।
अपनी बायोलॉजिकल घड़ी को दुरुस्त रखने के लिए निश्चित समय पर खाना खाएं।
अधिक रेशेयुक्त भोजन के साथ अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
धूम्रपान और शराब से दूर रहें।

गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत
गैस की समस्या अति गंभीर नहीं है, लेकिन यह पाचन तंत्र से संबंधित गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकती है। इसमें कब्ज, फूड एलर्जी, अपच, इरीटैबल बॉउल सिंड्रोम (आईबीएस), किडनी या गॉल ब्लैडर की पथरी, गॉल ब्लैडर की सूजन, अपेन्डिक्स, पेट का ट्य़ूमर आदि शामिल हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत डॉंक्टर से संपर्क करें।

हो सकती हैं ये समस्याएं

अग्न्याशय की सूजन
अगर गैस की समस्या पेट फूलने, बुखार, जी घबराने और उल्टी होने के साथ आती है तो यह अग्न्याशय में सूजन आने के कारण हो सकती है। चीन में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

अपेंडिक्स
बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, अत्यधिक मात्रा में गैस बनना आदि अपेंडिक्स के लक्षण हो सकते हैं। इसमें पेट में अधिक मात्रा में गैस तो बनती ही है, साथ ही गैस बाहर निकालने में भी समस्या आती है। कब्ज और डायरिया के लक्षण भी दिखाई देते हैं। अगर आपको अपेंडिक्स है तो सर्जरी ही उसका एकमात्र उपचार है।

गॉल ब्लैडर की समस्या
अत्यधिक मात्रा में गैस बनना गॉल ब्लैडर की समस्या हो सकती है। इस कारण जी मिचलाना, डायरिया और पेट दर्द के लक्षण दिखाई देते हैं। यह अत्यंत गंभीर समस्या है, जिसमें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

घरेलू नुस्खे
लहसुन पाचन की प्रक्रिया को बढ़ाता है और गैस की समस्या को कम करता है।
अपने भोजन में दही को शामिल करें।
नारियल पानी गैस की समस्या में काफी प्रभावकारी है।
अदरक में पाचक एंजाइम होते हैं। खाना खाने के बाद अदरक के टुकड़ों को नीबू के रस में डुबो कर खाएं। गैस की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
अगर आप लंबे समय से गैस की समस्या से पीडित हैं तो लहसुन की तीन कलियां और अदरक के कुछ टुकड़े खाली पेट खाएं।
प्रतिदिन खाने के साथ टमाटर खाएं। अगर टमाटर में सेंधा नमक मिला लें तो ज्यादा प्रभावकारी रहेगा।
पुदीना खाएं। इससे पाचनतंत्र ठीक रहेगा।
इलाइची के पाउडर को एक गिलास पानी में उबालें। इसको खाना खाने से पहले गुनगुने रूप में पी लें। इससे गैस कम बनेगी।
अगर पेट में गैस बनने से बेचैनी हो रही हो तो लेट जाएं और सिर को थोड़ा ऊंचा कर लें। इस स्थिति में थोड़ी देर आराम करें, बेचैनी खत्म हो जाएगी।

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