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राधिका बन गयी लकी गर्ल

आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ है कि राधिका आप्टे को सब लकी गर्ल कहने लगे हैं। इस साल जब बड़े-बड़े तुर्रमखां बॉक्स ऑफिस पर लुढ़क रहे थे तो राधिका की ‘बदलापुर’ और ‘हंटर’ जैसी फिल्में...

राधिका बन गयी लकी गर्ल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 25 Apr 2015 12:44 PM
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आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ है कि राधिका आप्टे को सब लकी गर्ल कहने लगे हैं। इस साल जब बड़े-बड़े तुर्रमखां बॉक्स ऑफिस पर लुढ़क रहे थे तो राधिका की ‘बदलापुर’ और ‘हंटर’ जैसी फिल्में हिट हो गयीं। तो क्या वह आगे भी ऐसे ही हिट फिल्में देती रहेंगी? हिट या फ्लॉप का तो पता नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि राधिका ने फिल्मकारों का ध्यान जरूर खींचा है।

‘शोर इन द सिटी’ में आपके अभिनय को काफी सराहा गया था, लेकिन उसके बाद आप गायब ही हो गयी थीं?
यह सच है कि ‘शोर इन द सिटी’ में लोगों ने मेरी परफॉर्मेस की काफी तारीफ की थी, लेकिन मैं इस फिल्म के रिलीज होते ही डांस की ट्रेनिंग लेने लंदन चली गयी थी। लंदन के ‘ट्रिनिटी स्कूल ऑफ डांस’ में मैंने दो साल तक डांस सीखा। सच कहूं तो लंदन में गुजरे इन दो वर्षों ने मेरी जिंदगी में काफी बदलाव किए। मुझे जिंदगी के मायने भी समझ में आए। इस फिल्म से मुझे जो सराहना मिली, उसका मैं सही फायदा नहीं उठा पाई। लंदन से वापस आने के बाद मुझे नए सिरे से शुरुआत करनी पड़ी।

इस साल आपकी दो फिल्में ‘बदलापुर’ और ‘हंटर’ हिट हुई हैं। कैसा लग रहा है?
मैं किसी भी फिल्म में यह सोच कर काम नहीं करती कि मुझे क्या मिलेगा? मुझे स्क्रिप्ट और किरदार पसंद आता है तो मैं उसमें काम कर लेती हूं। अगर आपने ये दोनों फिल्में देखी होंगी तो महसूस किया होगा कि मैनें दोनों में अलग तरह के किरदार निभाए हैं।

अंतरंग दृश्य करने में आपको झिझक नहीं होती?
झिझक कैसी? अंतरंग दृश्य हो या कोई अन्य सीन, एक कलाकार के लिए तो वह उसके काम का हिस्सा है। मेरा निर्णय फिल्म के कंटेंट पर निर्भर करता है। 

आप एक साथ कई भाषाओं की फिल्में कर रही हैं!
मैं भी बॉलीवुड में ही काम करना चाहती थी, मगर जब मुझे क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों में रोचक किरदार निभाने के ऑफर मिले तो इनकार न कर सकी। इसके अलावा मुझे यात्राएं करना पसंद है। मेरे अंदर हर राज्य के रहन-सहन, भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज के बारे में जानने की उत्सुकता भी रहती है। इसी के चलते अब तक मैं हिंदी के अलावा मराठी, बांग्ला, तेलुगू, तमिल व मलयालम भाषा की फिल्में कर चुकी हूं। वैसे मैं मराठी और हिंदी करते समय ज्यादा सहज महसूस करती हूं, क्योंकि इन भाषाओं से मेरा परिचय ज्यादा गहरा है। 

मराठी फिल्म ‘लय भारी’ में आप रितेश देशमुख के साथ सोलो हीरोइन थीं, मगर इस साल आपकी दो सफल फिल्मों में ऐसा नहीं रहा। आप भविष्य में सोलो हीरोइन वाली फिल्में करेंगी या...
मेरे लिए सोलो हीरोइन या मल्टीस्टारर फिल्म से फर्क नहीं पड़ता। मेरा किरदार रोचक होना चाहिए। वैसे ‘मांझी: दि माउंटेन मैन’ तथा ‘कौन कितने पानी में’ में मैं सोलो हीरोइन हूं। ‘बॉम्बेरिया’ में भी सोलो हीरोइन हूं।

आप अनुराग बसु का बांग्ला सीरियल ‘चोखेर बाली’ भी कर रही हैं। इसी नाम की फिल्म में यही किरदार ऐश्वर्या राय बच्चन ने निभाया था?
मुझे पता है कि ऐश्वर्या राय बच्चन वाली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाने के साथ-साथ राष्ट्रीय पुरस्कार भी बटोर चुकी है, लेकिन मैंनें यह फिल्म नहीं देखी है। मैं एक दम नई सोच के साथ इस किरदार को निभाना चाहती हूं। मैं फिल्म देख कर किसी भी तरह से उनके अभिनय से प्रभावित नहीं होना चाहती।

क्या थिएटर को अलविदा कह दिया है?
जी नहीं। थिएटर तो मेरा पहला प्यार है, उसे कभी नहीं छोड़ना चाहूंगी। फिलहाल एक मराठी नाटक कर रही हूं, जो गिरीश कर्नाड के एक नाटक का मराठी रूपांतरण है।

इन दिनों कई कलाकार अभिनय के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी हाथ आजमा रहे हैं, आपकी भी ऐसी कोई योजना है?
मैं खुद को बहुमुखी प्रतिभा की धनी मानती हूं। इसी के चलते मैं कई दूसरे क्षेत्रों में भी काम कर रही हूं, पर अभी उनके बारे में बात नहीं करना चाहती। कुछ ठोस काम हो जाए तो उसकी भी चर्चा करूंगी।  

कौन-सी नई फिल्में कर रही हैं?
केतन मेहता की ‘मांझी: दि माउंटेन मैन’ के अलावा ‘कौन कितने पानी में’,‘पार्च्ड’, ‘एक्स’, ‘द फील्ड’ और ‘बाम्बेरिया’ में काम कर रही हूं।

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