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बीएचयू पीएमटी-2015: रणनीति बना कर करें तैयारी

आवेदन की अंतिम तिथि 02 मई, 2015 स्क्रीनिंग परीक्षा की तिथि मई के दूसरे सप्ताह में मेन परीक्षा की तिथि जून के दूसरे सप्ताह में देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनका क्रेज कभी कम नहीं हुआ और...

बीएचयू पीएमटी-2015: रणनीति बना कर करें तैयारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 25 Mar 2015 11:18 PM
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आवेदन की अंतिम तिथि
02 मई, 2015
स्क्रीनिंग परीक्षा की तिथि
मई के दूसरे सप्ताह में

मेन परीक्षा की तिथि
जून के दूसरे सप्ताह में

देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनका क्रेज कभी कम नहीं हुआ और छात्रों को प्रतिवर्ष उनका बेसब्री से इंतजार रहता है। मेडिकल का क्षेत्र भी उन्हीं चुनिंदा क्षेत्रों में से एक है। मेडिकल के लिए कई प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इन्हीं में से एक बीएचयू पीएमटी भी है। यह परीक्षा एमबीबीएस व बीडीएस कोर्स के लिए होती है। यह कोर्स बीएचयू के इंस्टीटय़ूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के जरिए संचालित होते हैं। एमबीबीएस के लिए कुल 71 तथा बीडीएस की 42 सीटों के लिए परीक्षा होनी है।

इस साल होने वाली प्रवेश परीक्षा का बिगुल बज चुका है तथा चार अप्रैल से फॉर्म मिलने शुरू हो जाएंगे। परीक्षा की तिथियां अभी संभावित हैं। जल्द ही उनकी भी घोषणा की जाएगी। यदि आप इस प्रवेश परीक्षा में बैठने के इच्छुक हैं तो आवेदन के लिए तैयार हो जाएं। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन भी होगी।

साइंस विषय के साथ बारहवीं उत्तीर्ण
बीएचयू पीएमटी के लिए जो शैक्षिक मानदंड निर्धारित किए गए हैं, उनके अनुसार उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता साइंस विषयों (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी व इंग्लिश) में 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10+2 होनी आवश्यक है। इस वर्ष 10+2 की परीक्षा में बैठने वाले छात्र भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन उनके लिए काउंसलिंग के समय आवश्यक योग्यता संबंधी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसमें आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की आयु 17 वर्ष पूरी होनी चाहिए।

दो चरणों में होगी परीक्षा
यह प्रवेश परीक्षा दो चरणों में आयोजित होगी। पहला चरण स्क्रीनिंग टेस्ट के तौर पर, जबकि दूसरा मेन एग्जाम के रूप में होगा। दोनों ही चरण फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी व बॉटनी पर आधारित होते हैं। इनके लिए तीन-तीन घंटे का समय निर्धारित होगा। स्क्रीनिंग परीक्षा में 200 प्रश्न तथा मुख्य परीक्षा में कुल 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। सही उत्तर पर दो अंक मिलेंगे।

किस सेक्शन में क्या
फिजिक्स-
इस सेक्शन में प्रश्न न्यूमेरिकल व थ्योरिटिकल दोनों पर आधारित होते हैं। अधिकांश सवाल इलेक्ट्रिसिटी, काइनेटिक्स, सेमीकंडक्टर, करेंट, मोनोलिज्म से आते हैं।

केमिस्ट्री- मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण केमिस्ट्री के तीन भागों फिजिकल, इनऑर्गेनिक तथा ऑर्गेनिक केमिस्ट्री से प्रश्न पूछे जाते हैं।

जूलॉजी- जूलॉजी के सब्जेक्ट में प्रश्न सेल बायोलॉजी, एनिमल फिजियोलॉजी, एप्लाइड बायोलॉजी तथा क्लासिफिकेशन से संबंधित होते हैं।

बॉटनी- इस सेक्शन में प्लांट फिजियोलॉजी, फोटोसिंथेसिस, श्वसन, इकोलॉजी और जेनेटिक्स से जुड़े प्रश्न आते हैं। कुछ वर्षो से दूसरे टॉपिक से भी प्रश्न पूछे जा रहे हैं।

बारहवीं पर आधारित है सिलेबस
इस प्रवेश परीक्षा का पाठ्यक्रम बारहवीं पर आधारित है, अत: अपना पूरा ध्यान उसी पर फोकस करें। एनसीईआरटी की पुस्तकों के अलावा जो भी अध्ययन सामग्री चयन करें, वो प्रामाणिकता की कसौटी पर खरी होनी चाहिए। बारहवीं की परीक्षा दे रहे छात्रों के लिए सुखद है कि उनकी तैयारी दोनों जगह काम आएगी, बशर्ते वे अपनी लय न छोड़ें।

रणनीति बना कर करें तैयारी
प्रमुख मेडिकल परीक्षाओं में से एक बीएचयू पीएमटी की तैयारी के लिए छात्र को नए सिरे से आत्ममंथन की जरूरत होती है। बारहवीं में छात्र ने किस ढंग से पढ़ाई की, किस तरह के प्रश्नों से उसका सामना होने वाला है आदि कई तरह के निर्णायक बिन्दु ध्यान में रखने पड़ते हैं। जो सेक्शन ठीक से आता है, उस पर अपेक्षाकृत कम समय लगाएं तथा जो कठिन लग रहा है, उस पर समय बढ़ा लें। तैयारी के दौरान योग का सहारा लें, क्योंकि इससे तनाव दूर होता है तथा याददाश्त में भी वृद्धि होती है।

डायग्राम व न्यूमेरिकल की प्रैक्टिस करें
मेडिकल के छात्रों को सबसे अधिक परेशानी न्यूमेरिकल्स, फिजिक्स फॉर्मूले व डायग्राम में आती है, जबकि केमिस्ट्री में आर्गेनिक केमिस्ट्री स्कोरिंग होती है। छात्र डायग्राम की प्रैक्टिस करते समय यह ध्यान दें कि कभी-कभी पूरा प्रश्न उसी पर आधारित होता है। फिजिक्स के फार्मूले अच्छी तरह से याद होने चाहिए, तभी आप प्रश्नों का उत्तर आसानी से दे सकेंगे। संभव हो तो इन फार्मूलों का शॉर्टकट बना लें। इससे समय की बचत होगी।

नेगेटिव मार्किंग से सावधान
इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान रखा गया है। गलत उत्तर दिए जाने पर एक अंक काट लिए जाएगा, इसलिए उत्तर देते समय छात्रों को विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है। जिन प्रश्नों को लेकर छात्रों में दुविधा की स्थिति है, उन्हें छोड़ कर आगे बढ़ जाएं। बाद में समय मिलने पर एक बार उन्हें देख लें। हो सकता है कि इस स्थिति में वे कुछ और प्रश्नों का उत्तर देने में सफल हो जाएं।

सैंपल पेपर हल करें
परीक्षा के लगभग एक माह पहले से ही छात्र प्रतिदिन एक या दो सैंपल पेपर हल करें। यह सैंपल पेपर निर्धारित समय में हल करें तो विशेष फायदेमंद साबित होता है। इससे परीक्षा के पैटर्न का पता तो चलता ही है, साथ ही टाइम मैनेजमेंट का भी पता चल जाता है। हालांकि छात्रों को शुरू-शुरू में ज्यादा समय लग सकता है, लेकिन जैसे-जैसे उनकी प्रैक्टिस होती जाएगी, समय का दायरा कम होता जाएगा।

तैयारी के प्रमुख टिप्स

अंग्रेजी को नजरअंदाज न करें
टाइम टेबल बना कर करें अध्ययन
बोर्ड के स्टूडेंट बरतें विशेष सावधानी
परीक्षा में स्पीड का भी ध्यान रखें
विशेषज्ञों की राय लेते रहें
परीक्षा को ‘डू आर डाई’ न बनाएं

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