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एम्स एमबीबीएस 2015: नेगेटिव मार्किंग का रखें ध्यान

प्रवेश परीक्षा की तिथि: 01 जून 2015 रिजल्ट की घोषणा: 18 जून 2015 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की पहचान दिल्ली सहित पूरे भारत में चिकित्सा सेवा के सिरमौर की तरह है, क्योंकि वहां पर लोग...

एम्स एमबीबीएस 2015: नेगेटिव मार्किंग का रखें ध्यान
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 13 Apr 2015 04:36 PM
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प्रवेश परीक्षा की तिथि: 01 जून 2015
रिजल्ट की घोषणा: 18 जून 2015
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की पहचान दिल्ली सहित पूरे भारत में चिकित्सा सेवा के सिरमौर की तरह है, क्योंकि वहां पर लोग दूर-दूर से अपने जटिल रोगों के इलाज के लिए आते हैं। बेहतर तकनीक एवं एक्सपर्ट डॉंक्टरों वाले इस संस्थान में इलाज एवं अन्य सुविधाओं के अलावा एमबीबीएस व अन्य पाठय़क्रम भी करवाए जाते हैं। अगस्त से शुरू होने वाले एमबीबीएस पाठय़क्रम के लिए यदि आपने आवेदन किया है तो परीक्षा की तैयारी अभी से शुरू कर दें। यह प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन माध्यम (सीबीटी) से होगी।

प्रवेश परीक्षा की रूपरेखा
इस प्रवेश परीक्षा में भौतिकी, रसायन, बायोलॉजी तथा जनरल नॉलेज से 12वीं स्तर के प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्नों की कुल संख्या 200 होती है तथा उनका स्वरूप बहुविकल्पीय होता है। इसके लिए साढ़े तीन घंटे का समय निर्धारित किया गया है। प्रश्न हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होते हैं। यह विवरण निम्न है-
फिजिक्स: इसमें न्यूमेरिकल व थ्योरिटिकल दोनों पर आधारित प्रश्न होते हैं। यह ऐसा सेक्शन है, जिसका सावधानीपूर्वक अध्ययन किया जाना चाहिए। जब तक पूरा कांसेप्ट क्लीयर नहीं होगा, तब तक इसमें अच्छा स्कोर करना मुश्किल है। इस सेक्शन में अधिकांश सवाल इलेक््रिटसिटी, काइनेटिक्स, सेमीकंडक्टर, करेंट, मोनोलिज्म से आते हैं।
केमिस्ट्री: इसमें तीन भागों फिजिकल, इनऑर्गेनिक तथा ऑर्गेनिक केमिस्ट्री से प्रश्न पूछे जाते हैं। फिजिकल केमिस्ट्री से थर्मोडाइनेमिक्स, केमिकल काइनेटिक्स और एटॉमिक स्ट्रक्चर, इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री से न्यूक्लियर केमिस्ट्री, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री, पीरिऑडिक टेबल, जबकि ऑर्गेनिक केमिस्ट्री से एल्डिहाइड, कीटोंस, अल्कोहल, अल्काइल हैलाइड के अतिरिक्त जनरल ऑर्गेनिक के महत्वपूर्ण प्रश्न होते हैं। तैयारी की दृष्टि से तीनों ही सेक्शन जरूरी होते हैं।
बायोलॉजी: बायोलॉजी को दो सेक्शनों में बांटा गया है- जूलॉजी व बॉटनी। जूलॉजी में पूछे जाने वाले प्रश्न सेल बायोलॉजी, एनिमल फिजियोलॉजी, एप्लाइड बायोलॉजी तथा क्लासिफिकेशन से होते हैं। इसी तरह से बॉटनी से प्लांट फिजियोलॉजी, फोटोसिंथेसिस, श्वसन, इकोलॉजी, जेनेटिक्स से जुड़े प्रश्न आते हैं।
जनरल नॉलेज: इसमें ज्यादातर प्रश्न समसामयिक तथा करेंट अफेयर्स से जुड़े मुद्दों से पूछे जाते हैं।

ऑनलाइन मॉक टेस्ट जरूर दें
इसमें प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन होने के कारण मॉक टेस्ट ऑनलाइन दें तो ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। ऑनलाइन मॉक टेस्ट को यदि टाइम शेडय़ूल के हिसाब से दिया जाए तो उसका अधिक लाभ मिलेगा, क्योंकि उम्मीदवार इसके द्वारा परीक्षा के मूल पैटर्न से भली-भांति वाकिफ हो जाएंगे। साथ ही उन्हें प्रश्नों के हल करने की स्पीड का भी पता चल जाएगा। मॉक टेस्ट सप्ताह में एक दिन ही दें। परीक्षा जब एक महीने से कम दूर रह जाए तो इनकी संख्या बढ़ा लें।

नेगेटिव मार्किंग का रखें ध्यान
इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान है यानी गलत उत्तर दिए जाने पर एक-तिहाई अंक काट लिए जाएंगे। ऐसे में उम्मीदवारों को यह कोशिश करनी चाहिए कि जिन प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से पता हो, उन्हें पहले हल कर लें। बाद में कठिन प्रश्नों को हल करें।

बेहतर रणनीति से करें तैयारी
इस मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी को लेकर ज्यादा भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह परीक्षा अन्य मेडिकल परीक्षाओं के पैटर्न पर ही आयोजित की जाती है। इसमें सफलता का स्वाद तभी चखा जा सकता है, जब तैयारी कुछ अलग हट कर हो। तैयारी के कुछ खास बिन्दु हैं-
तैयारी आरंभ करने से पहले किसी विशेषज्ञ से स्टडी मैटीरियल के बारे में राय लें।
भौतिकी के प्रश्न न्यूमेरिकल पर आधारित होते हैं, अत: उन्हें ज्यादा से ज्यादा हल करने की कोशिश करें। इससे आपको प्रश्न आसान प्रतीत होंगे। रसायन शास्त्र में फॉर्मूलों को फोकस कर तैयारी करें। प्रश्न इसके किसी भी खंड से पूछे जा सकते हैं। इसमें अच्छी स्कोरिंग की जा सकती है।
पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें। इससे परीक्षा संबंधी प्रमुख जानकारी पता चल जाएगी।
जो भी बिन्दु समझ में न आए, उसे बिना किसी संकोच के कोचिंग सेंटर अथवा सीनियर्स से पूछें, परन्तु किसी तथ्य के बारे में गलत जानकारी न रखें।

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