प्रतिभा हत्याकांड का आरोपी मनु सात घंटे की रिमांड पर
महिला मजिस्ट्रेट प्रतिभा गौतम की हत्या की छानबीन कर रही पुलिस को आखिरकार मनु की सात घंटे की रिमांड मिल ही गई। शनिवार को कोर्ट ने रिमांड अर्जी पर सुनवाई करते हुए पुलिस को राहत दे दी। सुनवाई के दौरान...
महिला मजिस्ट्रेट प्रतिभा गौतम की हत्या की छानबीन कर रही पुलिस को आखिरकार मनु की सात घंटे की रिमांड मिल ही गई। शनिवार को कोर्ट ने रिमांड अर्जी पर सुनवाई करते हुए पुलिस को राहत दे दी। सुनवाई के दौरान पुलिस, मनु और मनु के वकील ने अपने-अपने पक्ष रखे। रिमांड के दौरान पुलिस कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। एसपीओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि रिमांड की अवधि रविवार सुबह 10 से शाम पांच बजे तक रहेगी।
प्रतिभा के कत्ल के मामले में जेल गए मनु अभिषेक सुबह 11:23 बजे जेल से निकाला गया उसके बाद उसे कचहरी लॉकअप में रखा गया। 12:35 बजे उसे मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान एएसपी कैंट गौरव बंसवाल कैंट और कोतवाली थाने की फोर्स और मनु के वकील दुर्गेश सिंह परिहार वहां मौजूद थे। अदालत में पुलिस ने दलील पेश करते हुए कहा कि मनु ने कबूल किया है कि उसने पत्नी की तार से गला कसकर हत्या की है। इस कारण तीन दिन की रिमांड चाहिए ताकि तार को बरामद कराया जा सके। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में हत्या का कारण साफ करते हुए कहा कि मनु ने यह भी कबूला है कि जो बच्चा पत्नी के गर्भ में था वह उसका नहीं है इस कारण वह गर्भपात कराना चाहता था। हालांकि दोनों ही बातों पर मनु ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि पुलिस ने सारे बयान खुद बनाए हैं। उन्होंने कोई बयान नहीं दिया न ही पुलिस के किसी कागज पर हस्ताक्षर किए हैं। बच्चे की बात पर उसने कहा कि यदि बच्चा मेरा नहीं होता तो मैं पत्नी का इलाज भी न करा रहा होता। उन्होंने कहा, बच्चा मेरा था और मुझे उससे बहुत प्यार था। वकील दुर्गेश ने कोर्ट में कहा कि पुलिस मनु के साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल न करे और जो भी हो उसकी वीडियोग्राफी कराई जाए। इसके बाद पुलिस ने दोबारा अपनी बात रखते हुए तीन दिन की रिमांड मांगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि इतने दिन पुलिस क्या करती रही। कोर्ट ने यह भी कहा कि तार बरामद करने के लिए तीन दिन की क्या जरूरत है एक ही दिन काफी है। इसके बाद कोर्ट ने फाइल रख ली। शाम लगभग साढ़े चार बजे कोर्ट ने रिमांड दे दी।