कानपुर मोबाइल के आईएमईआई कोड बदलने का गढ़ बना
मोबाइल फोन का डीएनए यानी आईएमईआई नंबर बदलने का गढ़ शहर बन चुका है। रहमानी मार्केट, सागर मार्केट, काकादेव और दक्षिण के इलाकों में चोरी के हैंडसेट की पहचान गायब करने का धंधा जोरों पर है। ऐसे मोबाइल से...
मोबाइल फोन का डीएनए यानी आईएमईआई नंबर बदलने का गढ़ शहर बन चुका है। रहमानी मार्केट, सागर मार्केट, काकादेव और दक्षिण के इलाकों में चोरी के हैंडसेट की पहचान गायब करने का धंधा जोरों पर है। ऐसे मोबाइल से बात करने पर उनकी लोकेशन की पहचान बेहद कठिन काम है। ज्यादातर घटनाओं में फर्जी आईडी पर जारी सिम और चोरी के फोन से ही साजिशों को अंजाम दिया गया है।
इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी यानी आईएमईआई नंबर को मोबाइल का डीएनए कहा जाता है। मोबाइल का डीएनए बदलने से मामलों का सुराग लगा पाना पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं है। शहर में हर महीने करीब 60 हजार से ज्यादा मोबाइल फोन बिकते हैं जबकि चोरी के मोबाइल का बाजार छह हजार तक है।
मोबाइल फोन के आईएमईआई कोड को हैक करने या बदलने के लिए तमाम तकनीक की मदद ली जा रही है। ऐसी ही एक डिवाइस है जिसे लैशर कहा जाता है। यह मोबाइल चार्जर के आकार का इलेक्ट्रानिक डिवाइस है जिसका इस्तेमाल कर आतंकवादियों ने मोबाइल फोन के आईएमईआई कोड को बदलने में महारत हासिल कर ली है। मोबाइल चार्जर के आकार का यह डिवाइस पुलिस ही नहीं देशभर की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।
‘आईएमईआई क्रैकर का कारनामा
आईएमईआई बदलने वाले एप्लिकेशन को आमतौर पर ऑनलाइन फोरम से खरीदा जाता है। यह एक हार्डवेयर के साथ आता है, जो ‘आईएमईआई क्रैकर के नाम से मशहूर है। इसकी कीमत करीब 18 हजार रुपए है। आईएमईआई किसी भी मोबाइल फोन में 15 अंकों का एक खास कोड होता है। इसके जरिए मोबाइल नेटवर्क तक पहुंचकर फोन की लोकेशन मिल जाती है लेकिन अब इसे एक सॉफ्टवेयर के जरिए बदला जा रहा है। दर्जनों जगह चोरी के मोबाइलों के मदरबोर्ड को ही बदल दिया जाता है। मोबाइल की असली आईएमईआई चिप की जगह नई चिप डाल दी जाती है। मोबाइल पुराना होता है लेकिन उसकी आईएमईआई नई हो जाती हैं।
चीन के ड्रैगन बॉक्स से भी सुरक्षा में सेंध
ड्रैगन बॉक्स की मदद से भी मोबाइल का डीएनए बदला जा रहा है। ड्रैगन बॉक्स व मोबाइल को कम्प्यूटर से जोड़कर नए पुराने या चोरी हो चुके मोबाइल के आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) कोड बदल रहे हैं। ये बॉक्स मेड इन चाइना हैं और आठ से दस हजार रुपए में मिल जाएंगे। इतना खतरनाक काम करने के लिए फीस है सिर्फ 150 से 1200 रुपए, जो फोन की कीमत पर निर्भर करती है।