ऊंची शिक्षा प्राप्त करनेवाले जयंत पर मोदी ने जताया भरोसा
झारखंड से जयंत सिन्हा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। झारखंड से वह मंत्री बननेवाले दूसरे सांसद हैं। इससे पहले सुदर्शन भगत को राज्यमंत्री बनाया गया था। कई सीनियर सांसदों के रहने के बावजूद...
झारखंड से जयंत सिन्हा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। झारखंड से वह मंत्री बननेवाले दूसरे सांसद हैं। इससे पहले सुदर्शन भगत को राज्यमंत्री बनाया गया था। कई सीनियर सांसदों के रहने के बावजूद पहली बार सांसद बने जयंत सिन्हा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा जताया है।
आइआइटी और विदेश से प्रबंधन की पढ़ाई करनेवाले जयंत को मंत्री बनाये जाने से कई सांसद निराश हैं। रामटहल चौधरी और रवींद्र राय ने उम्मीद पाल रखी थी। सुनील सिंह ने भी मंत्री बनने के लिए जोर लगाया था। कड़िया मुंडा के समर्थकों को भी उम्मीद थी। हालांकि जयंत सब पर भारी पड़े। जयंत पहले दिन से झारखंड की राजनीति को चौंका रहे हैं। चुनाव लड़ने की उनकी कहीं से चर्चा नहीं थी। आखिरी समय में पिता यशवंत सिन्हा की जगह जयंत को हजारीबाग से उम्मीदवार बनाया गया। जब मंत्री बनने की बारी आई तो राजनीति के नौसिखुए जयंत सीनियर सांसदों को पछाड़ने में सफल रहे।
यशवंत की राजनीति पर सस्पेंस
जयंत के मंत्री बनने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि यशवंत सिन्हा का राजनीतिक कैरियर लगभग खत्म हो गया है। पहले उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिला। अब बेटे के मंत्री बनने से चर्चा तेज है कि यशवंत की झारखंड के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी या तो कमजोर पड़ गई है या खत्म हो गई है। बेटे को बड़ा ओहदा देकर पार्टी ने यशवंत सिन्हा जैसे सीनियर लीडर को सम्मान भी देने का प्रयास किया है। झारखंड में विधानसभा चुनाव हो रहा है। जयंत को मंत्री बनाकर केंद्र ने झारखंड के लिए भी मैसेज दिया है। पहले आदिवासी सांसद को मंत्री बनाया गया था, इसलिए सामाजिक समीकरण को बैलेंस करने के लिए अगड़ी जाति से मंत्री बनाया गया है।