बगैर एनओसी के चलने वाले निजी अस्पतालों को 24 घंटे में बंद करेंः हाईकोर्ट
मुख्य न्यायाधीश विरेंदर सिंह और न्यायमूर्ति पीपी भट्ट की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को झारखंड में जैविक कचरा प्रबंधन की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदूषण...
हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि उन्होंने बहुत सारे नर्सिंग होम रांची की गलियों में देखा हैं जहां जैविक कचरा खुलेआम फेंका जाता है। इसके सही तरीके से प्रबंधन की कोशिश तक नहीं की जा रही। उन्होंने यह भी कहा कि रांची नगर निगम से शहर का कचरा तो सही तरीके से साफ हो ही नहीं पा रहा जैविक कचरा के लिए क्या होगा पता नहीं।
अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को राज्य प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव को तलब किया है ताकि उनकी मौजूदगी में आदेश पारित किया जा सके। हाईकोर्ट ने राज्य के सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम की सूची भी मांगी है और पूछा है है कि इनमें से कितने बगैर लाईसेंस के चल रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को भी होगी।