एमजीएम अस्पताल से एचआईवी पीड़ित ने कूदकर दी जान
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल के औषधि रोग विभाग के तीसरे तल्ले से कूदकर एक एचआईवी पीड़ित ने जान दे दी। घटना गुरुवार तड़के चार बजे की है। इससे अस्पताल में अफरातफरी मच गई। होमगार्ड जवान...
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल के औषधि रोग विभाग के तीसरे तल्ले से कूदकर एक एचआईवी पीड़ित ने जान दे दी। घटना गुरुवार तड़के चार बजे की है। इससे अस्पताल में अफरातफरी मच गई। होमगार्ड जवान आनन-फानन में उसे उठाकर इमरजेंसी में ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मानगो निवासी यह 32 वर्षीय मरीज एचआईवी के साथ ही टीबी से भी पीड़ित था। उसे 11 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी मां ने बताया कि बताया कि एचआईवी से पीड़ित होने के बाद से वह अवसाद में रहता था। वह खुद को परिवार और समाज के लिए गैर जरूरी मानता था।
पांच वर्षों में पांचवां मामला
शहर के अस्पतालों में पिछले पांच वर्षों में कई मरीजों ने ऊंचाई से कूदकर जान दी है या जान देने की कोशिश की है। एमजीएम अस्पताल में ऊंचाई से कूदकर आत्महत्या करने का यह तीसरा मामला है। जबकि, एक अन्य युवक की जान बच गई थी। टीएमएच से भी एक मरीज ने ऊंचाई से कूदकर जान दी थी।
ये लोग दे चुके हैं जान
एम. राजा ने एमजीएम अस्पताल के मेडिसिन वार्ड से कूदकर जान दी थी
राजा खान ने एमजीएम के तीसरे तल्ले से लगाई छलांग, पर बचा लिया गया
बागबेड़ा निवासी सुबोध साव ने भी एमजीएम से कूदकर दी थी जान
गुरुवार को एचआईवी पॉजिटिव ने कूदकर दी जान
टीएमएच से भी एक मरीज ने तीसरे तल्ले से कूदकर दी थी जान
एमजीएम अस्पताल में इलाजरत मरीज ने कूदकर जान दे दी। घटना दुखद है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। मरीजों का अस्पताल में भरपूर ध्यान रखने की कोशिश होती है।
-डॉ. आरवाई चौधरी, अधीक्षक, एमजीएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल
गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की आत्महत्या करने की आशंका काफी रहती है। वे खुद से जुड़े लोगों को अपने लिए परेशान होते देखकर दुखी होते हैं और आत्महत्या कर लेते हैं। इसलिए गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के परिजनों को इसका ध्यान रखना चाहिए।
-डॉ. दीपक गिरि, मनोचिकित्सक, एमजीएम अस्पताल