मौका मिला तो सुधारूंगी जिले की शिक्षा व्यवस्थाः नेहा दुबे
यूपीएससी में देश में छब्बीसवीं रैंक लाने वाली गोविंदपुर के पोस्ट ऑफिस रोड निवासी नेहा दुबे का कहना है कि जब जिंदगी आपको मुश्किल परिस्थितियों में डाले तो आप ये न पूछें कि मुझे ही क्यों? तुरंत कहें...
यूपीएससी में देश में छब्बीसवीं रैंक लाने वाली गोविंदपुर के पोस्ट ऑफिस रोड निवासी नेहा दुबे का कहना है कि जब जिंदगी आपको मुश्किल परिस्थितियों में डाले तो आप ये न पूछें कि मुझे ही क्यों? तुरंत कहें मुझे आजमा लो।
टेल्को स्थित विद्या भारती चिन्मया विद्यालय की पूर्व छात्रा नेहा ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि उनकी च्वाईस आईएएस है क्योंकि उन्हें चैलेंज और जिम्मेदारियां उठानी पसंद हैं। उनसे जब पूछा गया कि अगर उन्हें जमशेदपुर का उपायुक्त बनाया जाता है तो उनकी प्राथमिका क्या होगी? इस पर उन्होंने कहा कि वे यहां की सरकारी शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार करना चाहेंगी।
शहर में अपराध नियंत्रण प्राथमिकता
नेहा ने कहा कि यूपीएससी में भी इंटरव्यू में उनसे यही सवाल पूछा गया था। इसमें उन्होंने बताया था कि उनकी लॉन्ग टर्म प्रियॉरिटी में शिक्षा और स्वास्थ्य हैं, जबकि शॉर्ट टर्म में वह क्राइम कंट्रोल करना चाहेंगी। उन्होंने बताया कि शहर में अपराध नियंत्रण में है। आईएएस में ही क्यों? इस पर नेहा ने कहा कि इसमें जिम्मेदारी और पावर होता है और आप समाज के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।
पहले ही प्रयास में मिली सफलता
पहले ही प्रयास में सफलता हासिल करने वाली नेहा कुमारी ने वर्ष 2014 में टाटा स्टील में मैनेजर पद से इस्तीफा देकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। उस वक्त घर वाले नौकरी छोड़ने से नाराज थे, लेकिन आज सभी को उन पर गर्व है। नेहा के पिता वीएन दुबे टाटा मोटर्स कर्मचारी और मां उषा देवी गृहिणी हैं। नेहा का छोटा भाई निशांत आईआईटी खड़गपुर में पढ़ाई कर रहा है।
छोटी बहन रश्मि बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग कर रही हैं। नेहा फिलहाल बेंगलुरु में हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें उनके इनसाइट इंस्टीट्यूट से यूपीएससी में चयनित होने की जानकारी मिली थी। उन्होंने वहीं से तैयारी की थी। नेहा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही पूरे परिवार, दोस्तों, विद्या भारती चिन्मया विद्यालय के शिक्षकों और प्राचार्य के अलावा इंस्टीट्यूट के विनय सर को दिया है।