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डॉक्टरों की किलेबंदी से भूत बंगला बना रिम्स

रांची। प्रमुख संवाददाता। झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की वहां के जूनियर डॉक्टरों ने किलेबंदी कर दी है। इस कारण यह अस्पताल भूत बंगला बन गया है। बुधवार को इमरजेंसी में सन्नाटा पसरा रहा। आंदोलनरत...

डॉक्टरों की किलेबंदी से भूत बंगला बना रिम्स
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 Aug 2014 01:20 AM
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रांची। प्रमुख संवाददाता। झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की वहां के जूनियर डॉक्टरों ने किलेबंदी कर दी है। इस कारण यह अस्पताल भूत बंगला बन गया है। बुधवार को इमरजेंसी में सन्नाटा पसरा रहा। आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी में पुलिस और मीडिया के प्रवेश पर अघोषित पाबंदी लगा दी है। पिछले दो दिन में करीब तीन सौ मरीज अस्पताल छोड़ चुके हैं।

दो दिन पहले रिम्स में हुए बवाल के बाद से अस्पताल की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। बुधवार को ओपीडी खुले। सुबह नौ बजे डॉक्टर भी आए, लेकिन रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद थे। बाद में करीब साढ़े 10 बजे काउंटर खोले गए और कुछेक मरीजों का इलाज हुआ। कुछ मरीज इमरजेंसी पहुंचे, लेकिन वहां की स्थिति देख कर लौट गए। दोपहर से पहले डॉक्टरों ने वार्डों का राउंड भी लगाया। इसके बावजूद मरीजों का भरोसा नहीं लौटा। हड़ताली जूनियर डॉक्टर छोटे-छोटे ग्रुप बना कर पूरे अस्पताल परिसर में मंडराते रहे।

शाम तक नहीं पहुंचे डॉक्टर रिम्स की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रबंधन ने मंगलवार को सरकार से 20 डॉक्टर मांगे थे। बुधवार शाम तक सरकार की ओर से इन डॉक्टरों की रिम्स में तैनाती नहीं की गई थी। शाम तक एक भी डॉक्टर रिम्स नहीं पहुंचा था। वीआइपी रूम में बैठे डॉक्टर रिम्स की जिस इमरजेंसी में पहले मरीजों की भीड़ होती थी, बुधवार को सन्नाटा था। एक भी मरीज वहां नहीं था। जो भी मरीज आता, उसे सीधे ओपीडी में भेज दिया जाता। इमरजेंसी में डॉक्टर नहीं थे। इमरजेंसी में तैनात दो डॉक्टर गेट पर ही बने वीआइपी रूम में बैठे थे।

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