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झाविमो के 6 विधायक भाजपा में होंगे शामिल!

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो। भाजपा में दूसरे दलों से शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है। झाविमो के 11 विधायकों में से 6 के भाजपा में शामिल होने की चर्चा है। ये विधायक किसी भी समय झाविमो छोड़ कर भाजपा...

झाविमो के 6 विधायक भाजपा में होंगे शामिल!
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 31 Jul 2014 12:34 AM
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रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो। भाजपा में दूसरे दलों से शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है। झाविमो के 11 विधायकों में से 6 के भाजपा में शामिल होने की चर्चा है। ये विधायक किसी भी समय झाविमो छोड़ कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इन छह विधायकों की बुधवार को दिल्ली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अमित शाह से मिलने की चर्चा है। हालांकि इन विधायकों से संपर्क नहीं हो पाया। सिंदरी से झाविमो विधायक फूलचंद मंडल का भाजपा में शामिल होना तय हो गया है।

भाजपा की स्क्रीनिंग कमेटी ने मंजूरी पहले ही दे चुकी है। झामुमो विधायक साइमन मरांडी भी भाजपा में शामिल होने की कतार में हैं। किन विधायकों की है चर्चा: झाविमो के प्रदीप यादव को छोड़ कर बाकी सभी विधायकों की भाजपा में शामिल होने की चर्चा है।

इन चर्चाओं के बीच विधायक समरेश सिंह, निर्भय शाहाबादी, चंद्रिका महथा और जय प्रकाश भोक्ता ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बुधवार को नई दिल्ली में मुलाकात की। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन सहमहामंत्री सौदान सिंह, झारखंड के चुनाव प्रभारी धमेंद्र प्रधान और झाविमो के केंद्रीय महासचिव संजय चौबे मौजूद थे।

समरेश सिंह के पीएस सर्वानंद ओझा ने चारों विधायकों के अमित शाह से मिलने की पुष्टि की है। विधायक पहले रह चुके हैं भाजपा में: समरेश सिंह और फूलचंद मंडल पहले भाजपा में रह चुके हैं। इसलिए उन्हें पार्टी में फिर से जगह मिलने में अधिक समस्या नहीं होने की उम्मीद है। झामुमो विधायक साइमन मरांडी को लेकर फिलहाल संशय है। उनके मामले में पार्टी ने पहले संघ व अन्य सहयोगियों से मंजूरी लेने के लिए कहा है। तब स्क्रीनिंग कमेटी मरांडी के नाम पर विचार करेगी।

'भाजपा में शामिल होने के लिए बातचीत हो गई है। एक-दो दिन में औपचारिकता पूरी होने की उम्मीद है। झाविमो से कोई नाराजगी वाली बात नहीं है, मैं अपने पुराने घर (भाजपा) में लौट रहा हूं। '-फूलचंद मंडल, झाविमो विधायक 'चुनाव जब आता है तो व्यक्तिगत आकांक्षाओं के कारण लोग संभावना तलाशते हैं। इतिहास गवाह है गत चुनावों में भारी संख्या में सीटिंग विधायकों को हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए विधायकों के जाने का अर्थ यह नहीं है कि वह सीट जीत ही जाएंगे।

झाविमो एक वैचारिक आधार पर चल रहा है। किसी के पार्टी से जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। '-राजेश रंजन प्रसाद, केंद्रीय महासचिव, झाविमो।

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