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झारखंड के 10 गर्ल्स स्कूल में पुरुष वार्डेन-शिक्षक

राज्य में कल्याण विभाग द्वारा संचाालित आदिवासी, हरिजन एवं अल्पसंख्यक बालिका आवासीय विद्यालयों का बुरा हाल है। न तो पढ़ाई के लिए पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही छात्रावासों में रह रही बच्चियों की सुरक्षा...

झारखंड के 10 गर्ल्स स्कूल में पुरुष वार्डेन-शिक्षक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 30 Aug 2015 09:38 PM
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राज्य में कल्याण विभाग द्वारा संचाालित आदिवासी, हरिजन एवं अल्पसंख्यक बालिका आवासीय विद्यालयों का बुरा हाल है। न तो पढ़ाई के लिए पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही छात्रावासों में रह रही बच्चियों की सुरक्षा का उचित प्रबंध। 10 विद्यालयों में एक भी महिला शिक्षक नहीं है। इन विद्यालयों में छात्रावास के वार्डेन का काम पुरुष शिक्षक संभाल रहे हैं। आवासीय विद्यालयों में कक्षा एक से 12 तक की पढ़ाई होती है। लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी की पढ़ाई नहीं के बराबर हो रही है। बच्चियां अपनी सुरक्षा और पढ़ाई को लेकर चिंतित रहती हैं।

विशेष समिति का निरीक्षण
विधानसभा के पिछले बजट सत्र में विधायक राज सिन्हा ने बालिका आवासीय विद्यालयों की दुर्दशा की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था। इस पर सदन में काफी बहस हुई थी। इसकी जांच के लिए विधायक गंगोत्री कुजूर के संयोजकत्व में विशेष कमेटी बनायी गई थी, जिसने रामगढ़, बोकारो, रांची, धनबाद, गिरिडीह, जामताड़ा और देवघर जिले में संचालित विद्यालयों का निरीक्षण किया। समिति ने विद्यालयों की स्थिति पर चिंता जाहिर की है।

विभाग की पहल
विभाग के अनुसार शिक्षकों की कमी दूर करने की अस्थायी व्यवस्था की जा रही है। सर्विस प्रोक्योरमेंट के आधार पर युवक-युवतियों का चयन किया जाएगा, जिनकी सेवा सप्ताह में पांच दिन ली जाएगी। वे एक कार्य दिवस में चार कक्षा लेंगे। एक कक्षा का दो सौ रुपये भुगतान किया जाएगा। छात्रावास में पुरुष वार्डेन के संबंध में बताया गया कि यह व्यवस्था शिक्षका नहीं होने के कारण की गई है। इस साल के अंत तक सभी छात्रावासों में वार्डेन का दायित्व शिक्षिकाओं को सौंप दिया जाएगा। भवन एवं चहारदीवारी का जीर्णोद्धार बजट की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा।

छात्राएं असुरक्षित: गंगोत्री कुजूर
विशेष समिति की संयोजक गंगोत्री कुजूर ने बताया कि पुरुष वार्डेन होने से छात्राएं अपने को असुरक्षित महसूस करती हैं। अधिकांश विद्यालयों की चहारदीवारी की ऊंचाई कम है और रात्रि प्रहरी नियुक्त नहीं हैं। विद्यालयों में काफी अनियमितता पायी गई है। समिति संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल के स्कूलों का दौरा करने के बाद स्पीकर को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। सरकार से छात्राओं को सुरक्षा देने की अनुशंसा की जाएगी।

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