अच्छे संयोग लेकर आ रही दिवाली और छठ, घर आएंगी खुशियां
त्योहारों का मौसम एक बार फिर शुरू हो चुका है। मध्य अक्तूबर से पूरे पखवाड़े में त्योहारों की बहार है। धनतेरस से लेकर आस्था के महान पर्व छठ तक उत्सवी वातावरण रहेगा। खास बात ये है कि इस बार दिवाली पूर्ण...
त्योहारों का मौसम एक बार फिर शुरू हो चुका है। मध्य अक्तूबर से पूरे पखवाड़े में त्योहारों की बहार है। धनतेरस से लेकर आस्था के महान पर्व छठ तक उत्सवी वातावरण रहेगा। खास बात ये है कि इस बार दिवाली पूर्ण अमृत योग और मंगलकामना योग में तथा छठ काल अमृत योग में आ रहा है।
यम पंचक की पूजा कल से
यम पंचक की पूजा 28 अक्तूबर से शुरू होकर 1 नवंबर तक चलेगी। इस पूजा से जीवन के कष्ट और संकट दूर होंगे। परिवार को स्वर्णिम सफलता प्राप्त होगी। पूजा के शुभ प्रभाव से पूर्वजों को तृप्ति मिलेगी।
धनवंतरि भगवान की जयंती
ज्योतिषाचार्य सुधानंद झा ने बताया कि यम पंचक में 28 अक्तूबर को भगवान धन्वंतरि की जयंती (धनतेरस) है। भगवान धन्वंतरि की पूजा से जीवन में अकाल मृत्यु, दरिद्रता और हर तरह के संकटों का नाश होगा। इस अवसर पर खजाना और व्यवसाय की वस्तुओं तथा खाता-बही की पूजा करें।
लघु दीपावली 29 को
यम पंचक में 29 अक्तूबर को भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर लघु दीपावली मनाएं। नरक यानी कष्टों से मुक्ति के लिए दीये जलाएं और मध्य रात्रि में घर की श्रेष्ठ महिला यम के नाम पर घर के बाहर दक्षिण दिशा में चौमुख दीया जलाए और उसे बाहर निकाले।
अमावस्या में महालक्ष्मी पूजा
यम पंचक में 30 अक्तूबर को अमावस्या तिथि के सायंकाल में माता महालक्ष्मी की पूजा करें। पूजा स्थिर लग्न में करें। माता महालक्ष्मी की पूजा तुला लग्न में भी करें। व्यवसाय का प्रतीक तुला लग्न माता महालक्ष्मी का प्रिय लग्न है। मध्य रात्रि में मां काली की पूजा करें।
अन्नकूट 31 को
यम पंचक में 31 अक्तूबर को अन्नकूट का महान पर्व है। गऊ माता और अन्य पशुओं की पूजा करें। वन्य प्राणियों की सुरक्षा का संकल्प लें। महालक्ष्मी की पूजा के दिन जिनके पिता नहीं हैं, वैसे विवाहित पारिवारिक समृद्धि के लिए पूर्वजों के नाम पर उलका जलाएं।
भगवान चित्रगुप्त की पूजा करें
यम पंचक में कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर 1 नवंबर को भगवान चित्रगुप्त की पूजा से अकाल मृत्यु और रोग नहीं होंगे। दरिद्रता और अशिक्षा हमेशा के लिए दूर होगी। महाभारत में भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान भगवान चित्रगुप्त की पूजा से ही मिला था।
आने वाले पर्व त्योहार
28 अक्तूबर-धनतेरस और लक्ष्मी पूजा, 29 अक्तूबर-नरक चतुर्दशी, 30 अक्तूबर-दीपावली, 31 अक्तूबर-गोवर्द्धन पूजा, 01 नवंबर-भैया दूज व यम द्वितीया, 05 नवंबर-लाभ पंचमी, 06 नवंबर-छठ पूजा, 08 नवंबर-गोपाष्टमी, 09 नवंबर-अक्षय नवमी व जगधात्री पूजा, 12 नवंबर-तुलसी विवाह, 14 नवंबर-कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली।
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