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पहले के बने जाति और स्थानीय प्रमाणपत्र हुए बेकार, विद्यार्थी परेशान

छात्रवृत्ति की योग्यता रखने वाले विद्यार्थियों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है। वे पुराने बने प्रमाणपत्रों के साथ छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उसे ऑनलाइन सबमिट करने पर कंप्यूटर...

पहले के बने जाति और स्थानीय प्रमाणपत्र हुए बेकार, विद्यार्थी परेशान
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 19 Oct 2016 01:33 PM
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छात्रवृत्ति की योग्यता रखने वाले विद्यार्थियों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है। वे पुराने बने प्रमाणपत्रों के साथ छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उसे ऑनलाइन सबमिट करने पर कंप्यूटर स्वीकार ही नहीं कर रहा है। हालांकि नया प्रमाणपत्र बनाने के लिए उनके पास समय नहीं है। वैसे भी आजकल ऑनलाइन जाति, आय, स्थानीयता आदि प्रमाणपत्र निर्माण में समस्या हो रही है। 21 दिन की समय सीमा में ये प्रमाणपत्र नहीं बन रहे। आवेदन के साथ यही तीन प्रमाणपत्र संलग्न करना है।

इस समस्या को लेकर मंगलवार को कोआपरेटिव कॉलेज के बीएड के फर्स्ट और सेकेंड सेमेस्टर के दर्जनों विद्यार्थी उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और अपना दुखड़ा सुनाया। उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी आशीष कुमार सिन्हा को अपनी समस्या बताई और कागजी आवेदन जमा लेने का आग्रह किया। मगर, सिन्हा ने बताया कि यह नीतिगत मामला है। वे इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते। वे इस बात को लेकर उपायुक्त एवं सचिव से मिलें या ज्ञापन सौंपें। इसके आलोक में उन्होंने एक आवेदन तैयार कर उपायुक्त कार्यालय को सौंपा। उपायुक्त के घाटशिला में होने के कारण वे उनसे मिल नहीं सके।

कई प्रखंडों में नहीं बन रहे ऑनलाइन प्रमाणपत्र : विद्यार्थियों ने बताया कि पोटका, चाकुलिया और मनोहरपुर प्रखंडों में ऑनलाइन प्रमाणपत्र बन ही नहीं रहे। इसके कारण इन जगहों के विद्यार्थी तो कोई प्रमाणपत्र बनवाने में असमर्थ हैं। उनका यह भी कहना है जाति प्रमाणपत्र और स्थानीयता प्रमाणपत्र तो बदल नहीं सकता। सिर्फ आय प्रमाणपत्र ही छह-छह महीने पर बनाना पड़ता है। वे अपने पुराने प्रमाणपत्र जमा करने को तैयार हैं। विभाग चाहे तो उसकी असलियत की जांच करा ले। मगर ऑनलाइन आवेदन की अनिवार्यता ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है। 

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