...तो एक दिन जनवितरण प्रणाली की दुकानों से खरीदकर पीना होगा पानी
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जंगल-झाड़ ही झारखंड की पहचान हैं, लेकिन आज बेतरतीब से वनों की कटाई के कारण पर्यावरण असंतुलन की स्थिति बन गई है। यही स्थिति रही तो न लोगो को पानी मिलेगा और...
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जंगल-झाड़ ही झारखंड की पहचान हैं, लेकिन आज बेतरतीब से वनों की कटाई के कारण पर्यावरण असंतुलन की स्थिति बन गई है। यही स्थिति रही तो न लोगो को पानी मिलेगा और न ही पेड़ की छाया। स्थिति नहीं सुधरी तो पानी की भी राशनिंग करनी होगी और एक दिन यह जनवितरण प्रणाली की दुकानों पर बिकेगा।
राज्यपाल गुरुवार को मैथन पावर लिमिटेड (एमपीएल) की ओर से आयोजित पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ सह 67 वां वन महोत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थीं। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि विश्व भर में वर्तमान में पर्यावरण तथी शांति (पीस) की चिंता है। हर ओर दोनों के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। दोनों के लिए हम (मनुष्य) ही जिम्मेवार है। अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मानव जाति पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। विकास के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन भी होना चाहिए। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में पौधरोपण अभियान की शुरुआत की है। इसका असर अच्छा पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है। पत्थरों से सड़कें व इमारते बनाई जा रही है। इससे भी पर्यावरण का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को कुछ ऐसी खोज करनी चाहिए कि बगैर पत्थरों व कोलतार के ही सड़कें बनाई जा सके। मुझे विश्वास है कि जल्द ही इसकी खोज भी हो जाएगी।
इसके पहले राज्यपाल ने पौधरोपण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम में एमपीएल सीइओ के चंद्रशेखर, विधायक अरूप चटर्जी, डीसी ए दोड्डे, एसएसपी मनोज रतन चौथे, सिटी एसपी अनशुमान, एसडीओ महेश संथालिया भी थे।