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झारखंड बंद में कुड़मी सेना का उत्पात

कुड़मी सेना की ओर से गुरुवार को बुलाए गए झारखंड बंद के दौरान बंद समर्थकों ने मानगो के डिमना रोड और एनएच-33 के किनारे वाहनों और दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की। तोड़फोड़ करने के आरोप में पुलिस ने करीब 50 बंद...

झारखंड बंद में कुड़मी सेना का उत्पात
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 May 2015 06:25 PM
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कुड़मी सेना की ओर से गुरुवार को बुलाए गए झारखंड बंद के दौरान बंद समर्थकों ने मानगो के डिमना रोड और एनएच-33 के किनारे वाहनों और दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की। तोड़फोड़ करने के आरोप में पुलिस ने करीब 50 बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया।

कुड़मी सेना के कार्यकर्ताओं ने कदमा बाजार, टेल्को, खड़ंगाझाड़ बाजार और सुंदरनगर में भी घूम-घूमकर दुकानें बंद कराईं। हालांकि, साकची और बिष्टूपुर के बाजारों में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा। शहर में टेंपो और मिनी बसों का परिचालन सामान्य रहा, लेकिन लंबी दूरी की बसों का परिचालन प्रभावित हुआ।

पहले पारडीह चौक पर लगाया जाम
कुड़मी सेना (गुरुदेव गुट) के केंद्रीय अध्यक्ष गुरुदेव महतो और भक्त रंजन महतो के नेतृत्व में बंद समर्थक गुरुवार सुबह साढे़ छह बजे ही पारडीह चौक पहुंचे। उन्होंने टायर जलाकर पारडीह चौक को जाम कर दिया। इसके बाद ये लोग मानगो के डिमना चौक पर पहुंचे। यहां नारेबाजी करने के बाद बंद समर्थक एनएच-33 पर बालीगुमा की तरफ गए और वहां खुली दुकानों को बंद कराया।

उसके बाद डिमना रोड की दुकानों को बंद कराते हुए रिलायंस फ्रेश में तोड़फोड़ की। वहां तैनात गार्ड के साथ भी मारपीट की। इसके बाद डिमना चौक पर टायर जलाकर सड़क जाम कर दी और आने-जाने वाले ट्रकों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। बंद समर्थकों ने सब्जी भरी गाड़ियों को भी रोका और लोगों के साथ भी मारपीट की। डिमना चौक करीब एक घंटे जाम रहा। सुबह दस बजे सभी कार्यकर्ताओं को एमजीएम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

लंबी दूरी की बसों पर असर
बंद की वजह से शहर से बाहर जाने वाली लंबी दूरी की बसें सुबह से ही प्रभावित रहीं। हालांकि, रांची के लिए सुबह साढे़ सात बजे तक बसें रवाना हुईं, लेकिन रंगामाटी में बसों में तोड़फोड़ की सूचना के बाद बसों का परिचालन बंद कर दिया गया। इसके अलावा धनबाद और बोकारो के लिए एक बस भी नहीं चली। चाईबासा, घाटशिला, बहारागोड़ा और पटमदा में रूट में एक भी गाड़ियां नहीं चलीं।
ये हैं मांगें

कुड़मी सेना कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में पुन: सूचीबद्ध करने की मांग कर रही है। यह आंदोलन इसी लिए किया जा रहा है। सेना का आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गई टीआरआई की रिपोर्ट कुड़मी जाति के विरोध में है। लिहाजा, उसे वापस लेने की मांग की जा रही है।

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