पतरातू में 4000 मेगावाट के पावर प्लांट के निर्माण का रास्ता साफ
पतरातू में प्रस्तावित 4000 मेगावाट पावर प्लांट के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास की उपस्थिति में ज्वाइंट वेंटर कंपनी के लिए राज्य सरकार और एनटीपीसी के साथ बुधवार को करार...
पतरातू में प्रस्तावित 4000 मेगावाट पावर प्लांट के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास की उपस्थिति में ज्वाइंट वेंटर कंपनी के लिए राज्य सरकार और एनटीपीसी के साथ बुधवार को करार हुआ। इस पर एनटीपीसी के सीएमडी अरुप राय चौधरी और ऊर्जा सचिव एसकेजी रहाटे ने हस्ताक्षर किये।
एसकेजी रहाटे ने बताया तीन मई को पावर प्लांट निर्माण के लिए एमओयू हुआ था। इसमें एनटीपीसी की 74 और राज्य सरकार की 26 फीसदी हिस्सेदारी तय की गई थी। राज्य का इक्वटी शेयर कैशलेस होगा। वर्तमान यूनिट का जीर्णोद्धार एनटीपीसी करेगा। इस यूनिट से राज्य को शत-प्रतिशत बिजली मिलेगी। इसके जीर्णोद्धार के लिए एनटीपीसी ने आठ करोड़ रुपए दे दिये गये हैं। एनटीपीसी के सुब्रह्मण्यम ज्वाइंट वेंचर के प्रमुख होंगे।
नए पावर प्लांट से 85 फीसदी बिजली मिलेगी
राज्य को नए पावर प्लांट से 85 फीसदी बिजली मिलेगी। प्रथम चरण में 2400 मेगावाट का प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसमें 800 मेगावाट की तीन यूनिटें होंगी। इसका निर्माण 2019 तक पूरा किया जाएगा। दूसरे चरण में 1600 मेगावाट का प्लांट स्थापित होगा। इसमें 800 मेगावाट की दो यूनिटें होंगी। इसे 2023-24 तक पूरा किया जाएगा। पावर प्लांट के लिए एनटीपीसी को 1860 एकड़ जमीन दी जाएगी। प्रथम चरण में 1234 और दूसरे चरण में 625 एकड़ जमीन दी जाएगी।