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मजदूरों व किसानों का अधिकार खत्म कर रही सरकार

मजदूरों और किसानों की उपेक्षा और अधिकार खत्म कर कोई राष्ट्र तरक्की नहीं कर सकता। लेकिन, केंद्र की भाजपा की सरकार आज यही कर रही है। बिष्टूपुर स्थित हिन्दुस्तान बिल्डिंग में प्रेसवार्ता में एआईटीयूसी...

मजदूरों व किसानों का अधिकार खत्म कर रही सरकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 16 Apr 2017 11:10 PM
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मजदूरों और किसानों की उपेक्षा और अधिकार खत्म कर कोई राष्ट्र तरक्की नहीं कर सकता। लेकिन, केंद्र की भाजपा की सरकार आज यही कर रही है।

बिष्टूपुर स्थित हिन्दुस्तान बिल्डिंग में प्रेसवार्ता में एआईटीयूसी की राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने चाईनीज पटाखों और लाइट पर रोक का ढोंग किया लेकिन आज सरकार देश में चाईना निर्मित पेटीएम व पॉश मशीनें चलवा रही है। सचिव ने कहा कि देश में तीन लाख करोड़ ही नहीं बल्कि तीन सौ लाख करोड़ कालाधन है।

आंदोलन की योजना तैयार

अमरजीत कौर के अनुसार अपरेंटिस एक्ट, लेबर एक्ट, अनुबंध एक्ट व ट्रेड एक्ट में संसोधन के खिलाफ मई-जून में 11 यूनियन मिलकर आंदोलन करेगी। क्योंकि 2013 की अपेक्षा 2015 में हर वर्गों को नौकरी मिलने की संख्या कम हुई है। सरकार की कथनी और करनी के कारण बैंकों में एनपीए की संख्या बढ़ी और आज कर्मचारियों को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

देश में 62% कालाधन

कालाधन सिर्फ नगद में नहीं है, बल्कि सरकार व देश की अर्थव्यवस्था के सामानांतर चल रहा है। जेएनयू के प्रोफेसर व अर्थशास्त्री डॉ. अरुण कुमार ने बैंक व इंश्योरेंस इम्पलाइज एसोसिएसन के सम्मेलन में यह कहा है। उन्होंने कहा कि आज देश की जीडीपी में कालाधान 62 प्रतिशत है जबकि 1955-56 में यह मात्र पांच प्रतिशत था। कालाधन रोकने के लिए 70 वर्षो में 40 कमेटियां बनी लेकिन सिफारिशों को लागू भी नहीं किया गया।

बैंक व बीमा कर्मी एकजुट

झारखंड प्रदेश बैंक और इंश्योरेंस इम्पलाइज एसोसिएसन जमशेदपुर मंडल ने बिष्टूपुर मिलानी सभागार में सेमिनार का आयोजन किया है। एआईटीयूसी की राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर और प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार ने श्रमिकों की अनदेखी, श्रम कानून में संसोधन, भ्रष्टाचार व कालेधन पर सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला। इसमें हीरा अर्कने, दुलाल मुंशी, आरए सिंह, पूर्वी घोष, एसके अदक, सुजीत बोस, श्वेता कुमारी, रमा चटर्जी, केके सहाय, गिरीश ओझा व पीके गांगुली समेत दर्जनों यूनियन नेताओं ने संबोधित किया।

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