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मेडिकल एक्सटेंशन पर बढ़ी यूनियन में रार

मेडिकल एक्सटेंशन के मुद्दे पर टाटा वर्कर्स यूनियन में ऑफिस बियरर के बीच में ही घमासान तेज हो गया है। इसके कारण यूनियन नेतृत्व दो खेमों में बंटता नजर आ रहा...

मेडिकल एक्सटेंशन पर बढ़ी यूनियन में रार
Sun, 28 May 2017 06:20 PM
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मेडिकल एक्सटेंशन के मुद्दे पर टाटा वर्कर्स यूनियन में ऑफिस बियरर के बीच में ही घमासान तेज हो गया है। इसके कारण यूनियन नेतृत्व दो खेमों में बंटता नजर आ रहा है।

निर्वाचन पदाधिकारी के चुनाव को लेकर यह राजनीति पहले सतह पर दिखी, लेकिन मेडिकल एक्सटेंशन के मुद्दे पर ऑफिस बियरर भड़क पड़े। इससे मजदूर हितों का ही नुकसान होगा। हालांकि इस मतभेद को मार्च 2018 में होने वाले चुनाव की बिसात के रूप में सजाया जा रहा है।

सेवानिवृत्त होने से पहले छवि धूमिल न करें : उपाध्यक्ष अरविंद पांडेय ने कहा कि बीके डिंडा सेवानिवृत्त होने से पहले अपनी छवि को धूमिल न करें। महामंत्री होने के नाते उन्हें चाहिए कि मेडिकल एक्सटेंशन सुचारू रूप से चलता रहे। लेकिन उन्होंने प्रबंधन से मिलकर मजदूरों का अहित किया है। इससे मजदूर सदमे में हैं। महामंत्री का बयान गैर जिम्मेदाराना है। उनसे अपील है कि वे यूनियन को डिस्टर्ब करने की कोशिश न करें।

डिंडा का बयान अफसोसजनक : उपाध्यक्ष भगवान सिंह ने कहा कि बीके डिंडा का बयान अफसोसजनक है। अध्यक्ष की तारीफ करने के बजाय यह कहना है कि एक्सटेंशन सिर्फ तीन माह के लिए है। यह बताता है कि सिर्फ वे इसका लाभ लें और बाकी मजदूरों को न मिलें। उन्होंने आज तक अपने कार्यकाल में मजदूरों का सिर्फ नुकसान ही किया है। एक्सटेंशन का लाभ तीन माह से ज्यादा मिलता है तो नैतिकता के तहत उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

मेडिकल एक्सटेंशन मिलता रहेगा : महामंत्री बीके डिंडा ने कहा कि कर्मचारियों को पूर्ववत एक्सटेंशन का लाभ मिलता रहेगा तो अध्यक्ष ने इस पर समझौता क्यों नहीं किया? ट्रेड यूनियन में कुछ भी ज्यादा दिनों तक छिपाकर नहीं रखा जा सकता। इसलिए भ्रम कौन फैला रहा है यह तीन माह में साफ हो जाएगा। अगर मैं गलत बोल रहा हूं तो अध्यक्ष लिखकर दें कि सभी को हमेशा मेडिकल एक्सटेंशन मिलता रहेगा।

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