गैर कर्मचारी पुत्रों की बहाली पर अड़ा टाटा मोटर्स प्रबंधन
टेल्को वर्कर्स यूनियन कंपनी में गैर कर्मचारी पुत्रों की बहाली पर खुलकर विरोध में उतर आई है। उनका तर्क है कि कंपनी द्वारा निकाली गई इस बहाली में सभी टाटा मोटर्स स्कील्ड ट्रेनिंग (टीएमएसटी) का तीन वर्ष...
टेल्को वर्कर्स यूनियन कंपनी में गैर कर्मचारी पुत्रों की बहाली पर खुलकर विरोध में उतर आई है। उनका तर्क है कि कंपनी द्वारा निकाली गई इस बहाली में सभी टाटा मोटर्स स्कील्ड ट्रेनिंग (टीएमएसटी) का तीन वर्ष का प्रशिक्षण ले चुके उम्मीदवार शामिल होंगे। एक परीक्षा देकर वे सीधे कंपनी में बाई-6 में प्रमोट हो जाएंगे। ऐसे में वर्तमान में टीएमएसटी के पद पर काम कर रहे कर्मचारी पुत्र वरीयता में उनसे पीछे रह जाएंगे।
स्थाई होने में देरी होगी
टाटा मोटर्स में प्रत्येक वर्ष 250 से 300 बाई-6 कर्मचारियों का स्थाईकरण होता है। ऐसे में कंपनी में आने वाले नए गैर कर्मचारी पुत्र जब बाई-6 में ज्वाइन करेंगे तो टीएमएसटी से बाई-6 बनने वाले निबंधित कर्मचारी पुत्र स्थायी होने में लंबा समय लगेगा। कंपनी प्रबंधन अगर प्रत्येक वर्ष सौ गैर कर्मचारी पुत्रों को टाटा मोटर्स में बहाल करती है तो वर्तमान में टीएमएसटी के प्रशिक्षु स्थायीकरण से और दूर होते जाएंगे।
अध्यक्ष-महामंत्री का विरोध
टाटा मोटर्स में गैर कर्मचारी पुत्रों की बहाली को लेकर ऑफिस बियरर खुलकर अध्यक्ष अमलेश व महामंत्री प्रकाश कुमार का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि टाटा मोटर्स में अब तक की परंपरा रही है कि कंपनी में निबंधित ही बहाल होते हैं। लेकिन, अध्यक्ष-महामंत्री ने बिना इसका ख्याल रखे जनवरी 2016 में हस्ताक्षर कर दिया।
टाटा मोटर्स में पहले भी गैर कर्मचारी पुत्र बहाल होते रहे हैं। इसमें कुछ नया नहीं है, लेकिन कुछ लोग इसे लेकर राजनीति कर रहे हैं।
-प्रकाश कुमार, महामंत्री
कंपनी में पहले निकलने वाली बहाली में 140 में से 30 बच्चे एससी/एसटी कोटे से होते थे। जो गैर कर्मचारी पुत्रों के लिए होता था। हमारा विरोध इनके खिलाफ नहीं है। इस बार कंपनी सौ फीसदी गैर कर्मचारी पुत्रों को बहाल कर रही है। इस पर हमारा विरोध है।
-गुरमीत सिंह तोते, कार्यकारी अध्यक्ष