जमशेदपुर लगभग हो चुका है ओडीएफ : डीसी
उपायुक्त (डीसी) अमित कुमार ने दावा किया है कि जमशेदपुर खुले में शौच से लगभग मुक्त हो चुका है। सिर्फ इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है। उन्होंने शनिवार को अपने कार्यालय में बताया कि मानगो खुले में शौच से...
उपायुक्त (डीसी) अमित कुमार ने दावा किया है कि जमशेदपुर खुले में शौच से लगभग मुक्त हो चुका है। सिर्फ इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है। उन्होंने शनिवार को अपने कार्यालय में बताया कि मानगो खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुका है। जुगसलाई नगरपालिका अपने स्तर से घोषणा कर चुकी है और उसका सत्यापन चल रहा है। सिर्फ जमशेदपुर अक्षेस बचा था, मगर वह भी इस मानक को पूरा कर चुका है। घोषणा भी जल्द होगी।
जरूरत है टिकाऊ स्वच्छता की : डीसी ने बताया कि अब हमारी प्राथमिकता टिकाऊ स्वच्छता व्यवस्था कायम करना है। जो व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालय बने हैं, उनका उपयोग हो, यह बहुत जरूरी है। अभी तक खुले में शौच जाने वालों को अपनी आदत बदलनी होगी। साथ ही जो शौचालय बने हैं, उनकी नियमित साफ सफाई भी जरूरी है।
स्वच्छता पुरस्कार गर्व की बात : उपायुक्त ने कहा कि पूरे देश के 500 शहरों में स्वच्छता पुरस्कार के लिए जमशेदपुर का चुना जाना गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि 4 मई को नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकया नायडू स्वच्छता में अव्वल आने वाले शहरों को पुरस्कृत करेंगे। वहीं पर संवाददाता सम्मेलन होगा, जिसमें शहरों के रैंकिंग की घोषणा की जाएगी। जमशेदपुर को किस श्रेणी के लिए पुरस्कार मिलेगा, यह घोषणा भी उसी वक्त की जाएगी। झारखंड के दो शहरों जमशेदपुर और चास को स्वच्छता पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई है। उपायुक्त ने बताया कि उन्हें शनिवार को ही यह सूचना मिली है।
100 मीटर पर डस्टबिन लगाए, पाक्षिक बैठक की : स्वच्छता पुरस्कार के लिए जमशेदपुर के चुने जाने से उत्साहित डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन ने मानक पर खरा उतरने के लिए काफी प्रयास किए थे। व्यावसायिक क्षेत्रों में हर सौ मीटर पर डस्टबिन लगाए गए। यही नहीं उस दौरान महीने में दो-दो बार बैठक की। रात में सफाई की व्यवस्था शुरू कराई। अब यह व्यवस्था टिकाऊ रहे, इसके लिए प्रयास चल रहा है। उन्होंने कहा कि ठोस कचरा निस्तारण के लिए डीपीआर बनाने का काम चल रहा है। यह हो जाए तो कचरा निस्तारण की व्यवस्था हो जाएगी और कचरा निपटाने की समस्या का स्थाई निपटान हो जाएगा।