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सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत है हरि नाम संकीर्तन : पंसस

नरसिंहगढ़ दिगार पाड़ा हरिनाम संकीर्तन कमेटी तरुण संघ के तत्वावधान में रविवार से सोलह प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का शुभारंभ हुआ। पावड़ा नरसिंहगढ़ की पंचायत समिति सदस्य संजू रानी नाथ ने मंडप का उद्घाटन...

सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत है हरि नाम संकीर्तन : पंसस
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Sun, 07 May 2017 08:10 PM
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नरसिंहगढ़ दिगार पाड़ा हरिनाम संकीर्तन कमेटी तरुण संघ के तत्वावधान में रविवार से सोलह प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का शुभारंभ हुआ। पावड़ा नरसिंहगढ़ की पंचायत समिति सदस्य संजू रानी नाथ ने मंडप का उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि हरिनाम संकीर्तन झारखंड क्षेत्र की एक सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत है। बंगाल से वृंदावन जाते समय चैतन्य महाप्रभु इसी क्षेत्र से गुजरे थे तथा लोगों को कृष्ण भक्ति का संदेश दिया था। साल के तीन महीने तक इस क्षेत्र के गांव ही नहीं घरों में भी लोग राधा गोविंद नाम संकीर्तन करते हैं। संकीर्तन शुरू होने के पूर्व राजबाड़ी से राधा कृष्ण की युगल मूर्ति को शोभा यात्रा के साथ मंडप तक लाया गया। यहां गोस्वामी देवाशीष चटर्जी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की। समाजसेवी आदित्य कुमार नामाता ने लोक कल्याण की कामना के साथ सोलह प्रहर अखंड संकीर्तन का संकल्प लिया। दोपहर करीब एक बजे नामारंभ हुआ। 10 मई को दधि महोत्सव के साथ संकीर्तन का समापन होगा। आयोजन में फकीर चंद्र अग्रवाल, डा. तपन मंडल, विशाल नामाता, पुलक नामाता, अशोक मदीना, सानु नामाता, रंजीत नामाता, कार्तिक नाथ आदि का सक्रिय योगदान है।

फोटो : 14-फीता काट कर हरि मंडप का उद्घाटन करतीं पंसस।

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