सीटीओ नहीं मिला तो बंद होंगी दो स्पंज आयरन कंपनियां
झारखंड सरकार एक ओर मोमेंटम झारखंड के तहत निवेशकों को राज्य में उद्योग लगाने के लिए प्रेरित कर रही है। वहीं दूसरी ओर यहां संचालित स्पंज आयरन कंपनियों की हालत खस्ता है। इन्हें कंपनी संचालित करने के लिए...
झारखंड सरकार एक ओर मोमेंटम झारखंड के तहत निवेशकों को राज्य में उद्योग लगाने के लिए प्रेरित कर रही है। वहीं दूसरी ओर यहां संचालित स्पंज आयरन कंपनियों की हालत खस्ता है। इन्हें कंपनी संचालित करने के लिए कंसर्न टू ऑपरेट (सीटीओ) का नवीकरण तक नहीं हो रहा है।
किसी भी कंपनी को संचालन के लिए प्रत्येक वर्ष प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से अनापत्ति प्रमाण पत्र के नवीकरण की आवश्यकता होती है। लेकिन सिद्धिविनायक व एमआर एलॉयज स्पंज आयरन जैसी कंपनियों का अब तक नवीकरण नहीं हो पाया है। ऐसे में दो कंपनी ठप्प होने के कगार पर है। अगर ऐसा हुआ तो इन दोनों कंपनियों में कार्यरत 500 से ज्यादा मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे।
सीटीओ दिखाने पर मिलता है कच्चा माल : झारखंड में अधिकतर आयरन ओर माइंस बंद है। ऐसे में स्पंज आयरन कंपनियों को ओडिशा से कच्चा माल मंगवाना पड़ता है। लेकिन दोगुना भाड़ा देने के बावजूद इन कंपनियों को सीटीओ नहीं होने के कारण माल नहीं मिल रहा है।
चांडिल इस्पात पर हुई थी प्राथमिकी : अप्रैल माह के पहले सप्ताह में चांडिल स्पंज आयरन कंपनी के लिए अत्याधिक प्रदूषण करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण पर्षद अन्य कंपनियों के सीटीओ के नवीकरण से पहले महाधिवक्ता से इस पर राय-मशविरा कर रहे हैं। मामला लंबित होने के कारण अब कंपनियों के समक्ष बंद की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
सरकार से मिलेंगे एसोसिएशन सदस्य : कोल्हान स्पंज आयरन मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद सिन्हा का कहना है कि वे जल्द ही इस मामले में झारखंड सरकार के वरीय अधिकारियों से मिलेंगे। उनका कहना है कि सरकार ने सभी स्पंज आयरन कंपनियों के लिए प्रदूषण के मानक तय किए हैं। जब कंपनियां सभी मानक को पूरा कर रही है तो उनके लाइसेंस का नवीकरण होना चाहिए नहीं तो कोल्हान के सभी कंपनियां एक के बाद एक बंद हो जाएंगे।