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घर में दाना नहीं, कर्ज लेकर किया बिंदू का अंतिम संस्कार

भगवान ऐसी बेबसी किसी को न देना। घर में मौत का मातम लेकिन मौत के गम के बराबर इस बात की चिंता कि अब कर्ज कैसे अदा होगा। जिस पर घर के दिन बदलने की उम्मीद थी उसी ने दुनिया छोड़ दी। बिंदू की भाभी रेवती...

घर में दाना नहीं, कर्ज लेकर किया बिंदू का अंतिम संस्कार
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 09 Dec 2016 06:26 PM
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भगवान ऐसी बेबसी किसी को न देना। घर में मौत का मातम लेकिन मौत के गम के बराबर इस बात की चिंता कि अब कर्ज कैसे अदा होगा। जिस पर घर के दिन बदलने की उम्मीद थी उसी ने दुनिया छोड़ दी।

बिंदू की भाभी रेवती सिंह कहती हैं कि बिंदू ने एक बार भी नहीं सोचा कि उसके जाने के बाद घर का क्या होगा? एक भाई कैसे 70 हजार रुपये का कर्ज अदा कर सकेगा। घर के सब लोग मजदूरी करते थे। इसलिए कि बिंदू की पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए। वह शिक्षिका बन जाती तो दुख दूर हो जाता।

काम कर किराया जुटाती थी

बिंदू ईंट भट्ठा में काम करने के साथ लोगों को सुई देकर अपनी सुविधा के अनुसार पैसे जमा करती थी। बस से बीएड कॉलेज आना-जाना करती थी। घर में पांच सदस्य काम पर जाते हैं। एमजीएम थाना क्षेत्र के अंतर्गत बेताकोचा गांव में एक कच्चे मकान में रहता है बिंदू का परिवार। बिंदू ने अपने इसी कच्चे मकान के एक कमरे में फंदे से लटककर जान दी।

कर्ज पर कर्ज

भाई बृंदावन सिंह ने बताया कि उन्होंने बिंदू की पढ़ाई के लिए जो कर्ज लिया था, उसमें पहले 40 हजार रुपये के लिए उन्हें 55 हजार रुपये देने हैं। मतलब 15 हजार रुपये सूद। इसके लिए हर हफ्ते पांच-पांच सौ जमा करने हैं। इसी तरह कुछ दिन पहले जो 30 हजार रुपये लिए, उसके 45 हजार रुपये देने हैं। इस रकम की किश्त पांच-पांच सौ रुपये हर माह की दर पर देना है। इसीलिए वे लोग दिन-रात एक कर इतनी रकम इकट्ठा कर रहे थे कि कम से कम पच्चीस सौ रुपये महीने में कर्ज चुकाने के लिए बच जाएं।

कर्ज लेकर किया अंतिम संस्कार

चाची भवानी सिंह बताती हैं कि घर में एक भी दाना नहीं है। बिंदू के अंतिम संस्कार के लिए भी कर्ज लिया। ग्यारह सौ रुपये श्मशान में और भाड़े में तीन सौ रुपये लगे। गांव के दो लोगों से पांच-पांच सौ रुपये लिए।

किसी से कुछ नहीं बताती थी बिंदू

चाची भवानी कहती हैं कि उनकी भतीजी बिंदू थोड़ी जिद्दी थी। वह किसी से भी अपनी बात नहीं बताती थी। उसने कालेज में भी इस बात की जानकारी नहीं दी होगी, नहीं तो इसका हल निकल जाता।

पिंटू दत्ता ने की मदद

बिंदू के परिवार की आर्थिक तंगी के बारे में सूचना मिलते ही जिला परिषद सदस्य पिंटू दत्ता गुरुवर को रात में ही उसके घर पहुंचे और तत्काल उस परिवार को ढाई हजार रुपये की मदद की। इसकी जानकारी स्थानीय विधायक रामचन्द्र सहिस को भी दी गयी। उन्होंने वादा किया है कि वे शुक्रवार को उस परिवार की मदद के लिए जायेंगे।

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