तुर्कीः तख्तापलट में गुलेन का हाथ, सत्ता पर राष्ट्रपति का नियंत्रण
तुर्की की सेना के एक गुट द्वारा टैंकों और लड़ाकू विमानों की मदद से राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन का तख्ता पलटने की कोशिशों के बीच एर्दोगन इस्तांबुल लौट आए और नियंत्रण हासिल करने का दावा किया। सैनिक...
तुर्की की सेना के एक गुट द्वारा टैंकों और लड़ाकू विमानों की मदद से राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन का तख्ता पलटने की कोशिशों के बीच एर्दोगन इस्तांबुल लौट आए और नियंत्रण हासिल करने का दावा किया।
सैनिक और टैंक कल रात सड़कों पर उतर आए तथा आठ करोड़ की आबादी वाले देश के दो सबसे बड़े शहरों अंकारा और इस्तांबुल में सारी रात धमाके होते रहे। तुर्की नाटो का सदस्य है। तख्तापलट के प्रयासों के लिए तुर्की के इस्लामिक धर्मप्रचारक फेतुल्लाह गुलेन को जिम्मेदार ठहराया गया है।
तख्तापलट की कोशिश के विफल होने के दावे के बीच अधिकारियों ने कहा कि तुर्की के बड़े शहरों में रातभर हुई हिंसा में 90 लोग मारे गए हैं और 754 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
विद्रोही सैनिकों का आत्मसमर्पण
तख्तापलट का समर्थन कर रहे दर्जनों सैनिकों ने इस्तांबुल में बोसफोरस पुल पर आत्मसमर्पण कर दिया। यह पुल सारी रात इन सैनिकों के कब्जे में रहा।
टेलीविजन पर दिखाया गया कि समर्पण करने वाले इन सैनिकों ने अपने हाथ सिर के ऊपर उठा रखे थे क्योंकि उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
एर्दोगन ने कहा कि उथल-पुथल खत्म होगी और सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (एकेपी) के समर्थकों की भीड़ इसे विफल करने के लिए सड़कों पर उतर आई।
राष्ट्रपति एर्दोगन का इस्तांबुल एयरपोर्ट पर स्वागत
कई घंटों की अफरातफरी के बाद राष्ट्रपति ने इस बारे में अनश्चितता खत्म की कि वह कहाँ हैं। वह सुबह के समय विमान से इस्तांबुल हवाईअड्डे पहुंचे और सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
एर्दोगन ने तख्तापलट के प्रयास की निन्दा की और इसे विश्वासघात बताया। उन्होंने कहा कि वह अपने काम कर रहे हैं और अंत तक काम करना जारी रखेंगे।