'कैरेबियन में भारतवंशी सबसे अधिक जीवंत'
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मानना है कि कैरेबियन में बसा भारतवंशी समाज पूरी दुनिया में सबसे अधिक जीवंत और ओजपूर्ण समाजों में से एक है। सुषमा ने यह बात हाल में प्रकाशित किताब 'इंडिया इन द कैरेबियन'...
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मानना है कि कैरेबियन में बसा भारतवंशी समाज पूरी दुनिया में सबसे अधिक जीवंत और ओजपूर्ण समाजों में से एक है। सुषमा ने यह बात हाल में प्रकाशित किताब 'इंडिया इन द कैरेबियन' में कही है। इस किताब की संकल्पना कैरेबियाई राष्ट्र त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भारतीय उच्चायुक्त गौरीशंकर गुप्ता की है और इसका संपादन अतलुरी मुरली ने किया है।
किताब को दिए एक संदेश में सुषमा ने कहा कि कैरेबियन द्वीप पर हालांकि इनकी संख्या 20 लाख से भी कम है लेकिन फिर भी वे (भारतवंशी) शक्तिशाली और प्रभावी भूमिका में हैं। उन्होंने कुछ सबसे अच्छे कलाकार, लेखक, आध्यात्मिक गुरु, राजनैतिक विचारक, चिकित्सक, वकील, वैज्ञानिक और खिलाड़ी दिए हैं। दिवाली, होली, महाशिवरात्रि और रामनवमी जैसे भारतीय पर्व पारंपरिक उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। भारतीय फिल्म और संगीत यहां वैसे ही पसंद किया जाता है जैसे भारत में।
सुषमा ने कहा, इसलिए मैं इस मौके पर भारत से दूर रहने वाले इन पराक्रमी लोगों का सम्मान उनकी बुद्धिमत्ता, धैर्य और साहस के लिए करना चाहती हूं। त्रिनिदाद एंड टोबैगो के पूर्व विदेश मंत्री विंस्टन दुकेरन ने अपने संदेश में कहा कि किसी भी अन्य आप्रवासी समुदाय की तरह भारतीय समुदाय भी अपने मूल देश से नजदीकी संबंध महसूस करता है। लेकिन, अपनी विरासत को छोड़े बगैर भारतीय समुदाय ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो के नागरिक वर्ग के साथ अपने आपको पूरी तरह से जोड़ लिया है।
किताब 275 पृष्ठ की है। इंडिया एंपायर पब्लिकेशन ने इसे प्रकाशित किया है। इसमें ''कस्टम एंड ट्रेडिशन आफ ईस्ट इंडियन्स इन त्रिनिदाद एंड टोबैगो'', ''फ्राम गिरमिटिया टू नेशन बिल्डर्स: द इंडो-कैरेबियन इक्सपीरियेंस'', ''मेमोरी-इंडियन फिल्म्स एंड द क्रिएशन आफ इंडियन आइडंटिटी इन त्रिनिदाद'' जैसे 24 अध्याय हैं। इन सभी पर बहुत मेहनत की गई है और इसी वजह से यह किताब काफी विशिष्ट बन गई है।