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अमेरिका को रूस से है सबसे बड़ा खतरा, चीन है दूसरे स्थान पर: पेंटागन

पेंटागन के एक शीर्ष जनरल ने कहा है कि अमेरिका को सबसे बड़ा खतरा रूस से है और चीन उसके लिए दूसरे नंबर का सबसे खतरनाक देश है। अमेरिका के एक जाने-माने सांसद ने भी ऐसी ही राय रखी है। जनरल जॉन ई हेतन ने...

अमेरिका को रूस से है सबसे बड़ा खतरा, चीन है दूसरे स्थान पर: पेंटागन
एजेंसीWed, 21 Sep 2016 10:03 AM
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पेंटागन के एक शीर्ष जनरल ने कहा है कि अमेरिका को सबसे बड़ा खतरा रूस से है और चीन उसके लिए दूसरे नंबर का सबसे खतरनाक देश है। अमेरिका के एक जाने-माने सांसद ने भी ऐसी ही राय रखी है।

जनरल जॉन ई हेतन ने रणनीतिक कमान के कमांडर पद के लिए अपनी कन्फर्मेशन हियरिंग में कहा, जिस तरह से मैं दुनिया भर में मौजूद खतरों को देखता हूं, उसके हिसाब से मुक्षे लगता है कि रूस सबसे खतरनाक खतरा है, चीन बेहद कम अंतर से दूसरे स्थान पर है लेकिन सबसे ज्यादा संभावित चिंताजनक खतरे उत्तर कोरिया और फिर ईरान हैं क्योंकि उत्तर कोरिया के बारे में कुछ भी पहले से कहा जा सकना मुश्किल है।

हेतन ने कहा कि रूस और चीन पिछले 20 साल में अपनी तुलना अमेरिका की उस शक्तिशाली और पारंपरिक सेना से करते रहे हैं, जो दुनिया के किसी भी युद्धक्षेत्र को जीत सकती है। दोनों देशों ने अमेरिका से सीख ली है और क्षमता निर्माण शुरू कर दिया है। 

हेतन ने कहा, इनमें से एक सीख है, विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम की। वे विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम में हमारा वर्चस्व देखते हैं। वे हमें जीपीएस, उपग्रह संचार का इस्तेमाल करते देखते हैं।
 
सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरूआत में जो पांचवां परमाणु परीक्षण किया वह इस बात की याद दिलाता है कि वह अमेरिका पर परमाणु हथियारों से हमला बोलने की क्षमताएं विकसित करने के अपने इरादे पर कायम है।

उन्होंने कहा, इसके बाद चीन है। वह गतिशील मिसाइलों और पनडुब्बियों पर जोर देते हुए अपने परमाणु बलों को आधुनिक कर रहा है। उन्होंने कहा कि लेकिन शायद सबसे मुश्किल चुनौती रूस है। 

भारत अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहा- 

मैक्केन ने भारत और पाकिस्तान द्वारा परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण किए जाने पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने तेजी से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया है और उसने कथित तौर पर नए परमाणु हथियार विकसित भी किए हैं। भारत भी लगातार अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहा है।

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